फाइलेरिया से लड़ाई को जमा किया 500 ब्लड सैंपल
हजारीबाग राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत 2020 तक देश से फाइलेरिया की बीमारी का पूरी तरह
हजारीबाग : राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत 2020 तक देश से फाइलेरिया की बीमारी का पूरी तरह से उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे लेकर जिला मलेरिया विभाग ने कमर कस लिया है। विभाग द्वारा एक अभियान के तहत संभावित क्षेत्रों में 500 की संख्या में लोगों का रक्त पट्ट संग्रह किया जा रहा है। शनिवार की रात को शहर के रविनगर मोहल्ले में 200 व कटकमसांडी प्रखंड के पबरा में 310 लोगों का रक्त पट्ट संग्रह कर उसकी जांच की गई। जिला मलेरिया पदाधिकारी डा. विजय भेंगरा ने बताया कि फाइलेरिया जिसे आम तौर पर लोग हाथी पांच बीमारी भी कहते हैं क्यूलेक्स मच्छरों के काटने से होता है। वहीं फाइलेरिया के जीवाणु रात्रि के समय रक्त में अधिक क्रियाशील होते हैं। अत: फाइलेरिया की जांच के लिए संभावित मरीज का रात्रि में ही रक्त पट्ट संग्रह किया जाता है। इस क्रम में शनिवार की रात्रि को जिला मलेरिया विभाग द्वारा 510 लोगों का रक्त पट्ट संग्रह किया गया। इसकी जांच करने के बाद फाइलेरिया के मरीजों का विशेष तौर पर इलाज किया जाएगा। रात्रि रक्त पट्ट संग्रह करने में जिला वीबीडी कंसलटेंट मैमूर सुल्तान, बायोलॉजिस्ट महेन्द्र पाल, प्रभु राम, सुरेन्द्र कुमार व शाहिद अली के अलावा कई कर्मियों का महत्वूपर्ण योगदान रहा।
10 अप्रैल से चलेगा अभियान
जिला वीबीडी कंसलटेंट मैमूर सुल्तान ने बताया कि जिले में फाइलेरिया के पूर्ण उन्मूलन के लिए आगामी 10 अप्रैल से अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत सभी लोगों को डीइसी व अल्बेंडाजोज की एक खुराक दी जाएगी। अभियान के तहत 10- 12 अप्रैल तक जहां बूथ डे का आयोजन किया जाएगा। वहीं 13-15 अप्रैल तक लोगों के घर-घर जाकर दवा देने का काम किया जाएगा। वहीं पूरे अभियान में 90 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जोर दिया जाएगा।