संगम ने नामवर ¨सह को दी भावभीनी श्रद्धांजलि
हजारीबाग : ¨हदी के प्रख्यात साहित्यकार व प्रखर आलोचक नामवर ¨सह के आकस्मिक निधन पर स्वर्ण
हजारीबाग : ¨हदी के प्रख्यात साहित्यकार व प्रखर आलोचक नामवर ¨सह के आकस्मिक निधन पर स्वर्ण जयंती पार्क में वैचारिक संस्था 'सागर भक्ति संगम' के तत्वाधान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। उनकी आत्मा की शांति के लिए सभी सदस्यों ने एक मिनट का मौन रखकर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता विजय केसरी व संचालन लाला नरेंद्र किशोर ने किया।
इस अवसर पर संगम के संयोजक विजय केसरी ने कहा कि गतिशील नामवर ¨सह का जाना ¨हदी साहित्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
शिक्षाविद केसी. मेहरोत्रा ने कहा कि नामवर का साहित्य कर्म सदा ¨हदी साहित्य अनुरागियों को मार्ग प्रशस्त करता रहेगा । आलोचना के क्षेत्र में उन्होंने जो सृजन किया है, सदा अमित रहेगा। पूर्व शिक्षिका उषा सहाय ने कहा कि Þनामवर ¨सह का जन्म ¨हदी साहित्य की सेवा करने के लिए ही हुआ था। समस्त ¨हदी अनुरागियों को उन पर नाज रहेगा।
अध्यात्मिक ज्ञाता गोपी कृष्ण सहाय ने कहा कि ¨हदी साहित्य की हर विधा पर उन्होंने काम किया। उनको सीधे कई बार सुनने का अवसर भी मुझे प्राप्त हुआ। वह एक अच्छे साहित्यकार के साथ प्रखर वक्ता भी थे। प्रोफेसर शंभू प्रसाद सिन्हा ने कहा कि नामवरजी ¨हदी के उच्च कोटि के विद्वान थे। उनकी विद्वता सदा लोगों को याद आती रहेगी । ¨हदी साहित्य के गहन अन्वेषक के रूप में भी उन्हें याद किया जाता रहेगा।
पूर्व कार्यपालक अभियंता शंभू शरण ¨सह ने कहा कि मुझे उनसे मिलने का अवसर प्राप्त हुआ। वे ¨हदी के महासागर के समान थे। ¨हदी के शीर्ष पद पर रहते हुए भी उन्होंने मुझ जैसे एक साधारण ¨हदी अनुरागी को जो सम्मान दिया ,उसे आजीवन भूल नहीं सकता हूं।Þ
आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उमेश यादव, सुमेर सेठी, राजकुमार जैन टोंगिया, अरुण जैन, ¨बदेश्वरी वर्मा, महेंद्री देवी, कंचन माला देवी, संजय खत्री, प्रदीप स्नेही, सुरेश मिस्त्री, सुरेश होर्रा, महेंद्र राम, अशोक गुप्ता, पप्पू गुप्ता सहित काफी संख्या में नगर के गणमान्य लोग शामिल हुए।