शहर में संतों का महाकुंभ, हुआ भव्य मंगल प्रवेश
हजारीबाग : परम पूज्य आचार्य 108 श्री विराग सागर जी महाराज ससंघ का अनेकों मुनियों, माताजी,
हजारीबाग : परम पूज्य आचार्य 108 श्री विराग सागर जी महाराज ससंघ का अनेकों मुनियों, माताजी, क्षुल्लक से युक्त संघ का भव्य मंगल प्रवेश गाजे बाजे के साथ हजारीबाग नगर में हुआ। स्थानीय पांडुक शिला में मंगलवार की सुबह 8:00 बजे हजारीबाग की यह पावन धरती उस समय धन्य हो गई, जब आचार्य श्री का संत मिलन हुआ। वहां मौजूद हर लोग संतो के इस महान समागम को देख भाव विभोर हो उठे। गुरु के जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। सभी भक्तगण आचार्य का भव्य स्वागत किए। आचार्य श्री 108 शीतल सागर जी व आचार्य श्री विराग सागर जी ससंघ का मिलन कार्यक्रम हुआ। राम भरत मिलन जैसा दृश्य देखने को मिला। ऐसा वात्सल्य प्रेम का दृश्य हजारीबाग के इतिहास में पहली बार हुआ। इस महान ऐतिहासिक क्षणों को देखने का सौभाग्य न ही सिर्फ जैन धर्मावलियों को मिला बल्कि विभिन्न धर्म समुदाय के लोगों ने भी इस महान मिलन को देख पुण्य अर्जित किया। संतों के इस महामिलन को देखने के लिए हर कोई आतुर था। भारी संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु सुबह से ही जमघट लगाए हुए थे। पुरुष श्वेत वस्त्र व महिलाएं केसरिया वस्त्र धारण किए हुए थे। दोनों संघ के गुरु ने एक दूसरे से गले मिलकर अभिवादन कर शोभा यात्रा में सम्मिलित हुए। संतो के मिलन के बाद गाजे बाजे व जैन ध्वज लिए आचार्य श्री का स्वागत नगर भ्रमण के साथ किया गया। जगह-जगह आरती उतारी गई व पाद प्रक्षालण किया गया।आचार्य श्री ने अपने आशीष वचन में कहा की संतो का मिलन वैराग्य को बढ़ाता है, जबकि गृहस्थ लोगों का मिलन राग को बढ़ाता है। अ¨हसा, त्याग, प्रेम व सद्भावना से ही राष्ट्र में शांति व समृद्धि ला सकते हैं। समस्त समाज की आपसी सौहार्द ही भारत की पूंजी है,जो भारत को एक सूत्र में पिरोता है। उन्होंने कहा की मानव को अपने जीवन के मूल उद्देश्यों को कभी नहीं भूलना चाहिए। तभी सबका कल्याण हो सकेगा। 10 बजे आहारचर्या का कार्यक्रम हुआ। संध्या 5 बजे आनंद यात्रा, ध्यान का कार्यक्रम आचार्य श्री ससंघ के सानिध्य में हुआ। महाआरती व भजन संध्या का कार्यक्रम रात्रि में हुआ। मीडिया प्रभारी बिजय लुहाडिया ने बताया कि कल बुधवार को प्रात: 8 बजे आचार्य श्री 108 विराग सागर जी व आचार्य श्री 108 शीतल सागर जी महाराज का मंगल प्रवचन बड़ा बाजार जैन भवन में होगा।