चोरी के कोयले से संचालित हो रहा ईंट भट्ठा, मजदूरों को भी लाना पड़ता था कोयला
हजारीबाग : बड़कागांव के बादम से मुक्त कराए मजदूरों ने आपबीती सुनाते हुए प्रखंड में चल रहे
हजारीबाग : बड़कागांव के बादम से मुक्त कराए मजदूरों ने आपबीती सुनाते हुए प्रखंड में चल रहे कोयला चोरी का भेद खोल दिया है। मजदूरों के मुखिया ने नाम ने बताया कि बड़कागांव के बादम क्षेत्र में उन्हें सिर्फ भट्ठे पर काम हीं नहीं करना पड़ रहा था। बल्कि रात में कोयला भी अवैध खदानों से लाना पड़ता था। बताया कि रात के अंधेरे में बड़कागांव के आधा दर्जन गांवों से कोयला निकाला जाता है। जहां दर्जन भर से अधिक टैक्टर कोयला ढोने के काम में लगे थे। कहा कि बादम के जंगली रास्ते से होकर ट्रको से भी कोयला ढोया जाता है। कोई सलीम नाम का आदमी कोयला लोड कराने का काम करता है। उनके यहां काम करने वाले जवान मजदूरों को इस कार्य के लिए लगाया गया।
चोरी के कोयला से चलता था ईंट भट्ठा
मजदूर गौतम दास बंजारे ने बताया कि रात में ही भट्ठा पर कोयला लाया जाता था। ट्रैक्टर के माध्यम से हम सभी कोयला खदान से कोयला लाने के लिए मजबूर किए जाते थे। साथी मुकेश खंडोलकर ने बताया कि बड़कागांव में कई ईंट भट्ठा में चोरी का कोयला लाया जाता है। जगंलों में एक दर्जन से अधिक खदान बने हैं।