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इतवारी छठ के लिए व्रतियों ने दिया अ‌र्घ्य

केरेडारी : प्रखंड के दर्जनों नदी, तालाबों व पोखरों में इतवार को सैकडों की संख्या में छ

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 08:10 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 08:10 PM (IST)
इतवारी छठ के लिए व्रतियों ने दिया अ‌र्घ्य

केरेडारी : प्रखंड के दर्जनों नदी, तालाबों व पोखरों में इतवार को सैकडों की संख्या में छठ व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्ध्य देने के लिए पहुंचे। जल में घंटों खडे़ रहकर सूर्य की आराधना की एवं डूबते सूर्य की लालिमा देख अ‌र्ध्य अर्पित किया। इसके बाद विधिवत पूजा अर्चना कर

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इतवार छठ का समापन किया। उक्त इतवार छठ का महत्व भी छठ महापर्व के सामान ही है। कहा जाता है कि जो महिला छठ महापर्व की हैं वो प्रथम

इतवार को भी 24 घंटे का उपवास रखकर अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्ध्य देती हैं। इससे पूर्व विधी विधान से व्रती नहाती खाती हैं खरना भी करती

हैं। तथा प्रत्येक कार्य छठ महापर्व के जैसे ही किया जाता है। कहा जाता है की इतवार छठ करने से व्रती को सुहागन व धन, वंश, वैभव आदि की प्राप्ति होती है।

कार्तिक व चैत माह में होता है छठ

वैसे तो पूर्ण रूपेश छठ पर्व प्रकृति का पर्व है। व्रती पूजा अर्चना के दौरान खेतों की मिटटी और गोबर की भी पूजा ¨सदूर, अर्पण आदि से करती हैं। बताया जाता है की कार्तिक माह में खरीफ फसल पूरी तरह तैयार होती है। जिससे व्रती को सभी प्रकार के नूतन फलों आदि की प्राप्ति होती है। प्रकृति की इस अनुपम सौगात से खुश होकर छठ पूजा किया जाता है। तथा उसी प्रकार चैत माह में भी रबी फसल तैयार होते हैं जिसको भगवान भाष्कर को अर्पित करने के लिए छठ पर्व किया जाता है। प्रकृति अर्थात सूर्य के प्रकाश से ही मौसम परिवर्तन होते हैं। वैसे खेती के द्वारा अनाज और वर्षा के द्वारा जल की प्राप्ति होती हैं। पौरौणिक कथाओं के अनुसार त्रेता युग अर्थात रामायण काल से ही सीता द्वारा छठ पर्व करने का विधान बताया गया है। वहीं रांची के नगड़ी गांव के लोग छठ पर्व के लिए नदी, तालाब और पोखर में नहीं जाते। क्योंकि उनके अनुसार नगड़ी गांव में एक सोती है जिसमें महाभारत के अर्जुन द्वारा जल की आवश्यकता पड़ने पर तीर चलाकर पानी निकाला गया है। और वहीं द्रौपदी ने भी वनवास के दौरान छठ पर्व किया था, जिससे जुअे में हारा गया राजपाट पुन: वापस मिला था। बरही में भी सूर्य को अ‌र्घ्य के साथ मनाया इतवारी छठ

बरही : प्रखंड अंतर्गत विभिन्न गांव में इतवारी छठ पूरे श्रद्धा व आस्था के साथ मनाया गया। बरहीडीह नदी, सूर्य मंदिर नदी, बराकार नदी, बरसोती नदी, बरसोत स्थित पृथ्वीराज तलाब समेत बरही प्रखंड के विभिन्न जलाशयों में संध्या अ‌र्घ्य के साथ नेक निष्ठा का पर्व छठ संपूर्ण बरही में रविवार को इतवारी छठ संपन्न हो गया। लोग भक्ति भाव में डूबे रहे। प्रखंड के विभिन्न जलाशयों में श्रद्धालुओं ने रविवार को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को भक्ति भाव साथ वर्तीयों व श्रद्धालुओं ने अ‌र्घ्य अर्पित किया गया। कई लोग छठ घाट गाजे-बाजे के साथ पहुंचे। पूजा अर्चना व छठ माता के गीतों से वातावरण भक्तिमय रहा।


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