भलुआ वन रक्षाबंधन की मनी तीसरी वर्षगांठ
टाटीझरिया : बेरहो के भलुआ जंगल की रक्षा बंधन की तीसरी वर्षगांठ बुधवार को बिरसा जयंती क
टाटीझरिया : बेरहो के भलुआ जंगल की रक्षा बंधन की तीसरी वर्षगांठ बुधवार को बिरसा जयंती के अवसर पर मनाई गई। इस अवसर पर सबसे पहले जंगल में स्थित वेदी पर फूल, बेलपत्र, धूप, दीप और प्रसाद चढ़ाए गए। उसके बाद वनदेवी को आराध्य मानते हुए उपस्थित ग्रामीणों ने नमन किया और जंगल के एक-एक वृक्ष की डालियों पर लाल कपड़े बांधकर उनकी रक्षा का संकल्प दोहराया।
बताते चलें कि 2016 के 15 नवंबर को इस जंगल की रक्षा का संकल्प टाटीझरिया निवासी शिक्षक प्रमोद कुमार गुप्ता एवं उनके सहयोगी महावीर साव ने लिया था। वे इस वन प्रांत में पिछले कई वर्षों से अहले सुबह पहुंच कर योग करते आ रहे हैं। योगा करते-करते उनके मन में आया कि क्यों ना इस भलुआ वन में रक्षा बंधन करवा कर इसकी सुरक्षा की जाए और उन्होंने बेरहो के ग्रामीणों को इकट्ठा कर इस जंगल में रक्षाबंधन करने की बात कही। बेरहो के ग्रामीणों द्वारा इन्हें सहयोग भी मिला और वह इस कार्य में लग गए। तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर उन्होंने कहा कि जंगलों को नष्ट होते देख मेरे मन में यह विचार आया कि जिस प्रकार दूधमटिया जंगल की रक्षाबंधन कर उसे बचाने का संकल्प लिया गया उसी प्रकार इस भलुआ जंगल की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएं। इस कार्य में पर्यावरणविद् महादेव महतो का भी सहयोग मिला। बहुत खुशी हो रही है कि इस अवसर पर डहरभंगा, टाटीझरिया, बेरहो और होलंग के ग्रामीण भी इस अवसर पर यहां एकत्रित हुए हैं। भलुआ जंगल की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर शिव परिवार द्वारा शिव चर्चा कर एवं वन देवी की आराधना कर माहौल को और भी खुशनुमा बना दिया। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष उपस्थित थे।