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कोविड-19 : एक माह में संक्रमण ने ली 251 की जान

-- कोविड-19 की पहले लहर में जिले में हुई थी सिर्फ 38 मौतें -- अभी भी पूरी तरह से कोवि

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 08:18 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 08:18 PM (IST)
कोविड-19 : एक माह में संक्रमण ने ली 251 की जान
कोविड-19 : एक माह में संक्रमण ने ली 251 की जान

-- कोविड-19 की पहले लहर में जिले में हुई थी सिर्फ 38 मौतें

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-- अभी भी पूरी तरह से कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं लोग

रमण कुमार, हजारीबाग : विगत वर्ष कोरोना वायरस ने जब देश में अपना कहर बरपाया था, तब इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण इस पर काफी हद तक काबू पा लिया गया था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में तांडव मचा रखा है। इस महामारी की रफ्तार है कि थमने का नाम ही नहीं ले रही है। बड़ी संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे है। हर दिन काफी संख्या में संक्रमित मरीजों की मौत हो रही है।

महामारी की चपेट में बडे़-बुजुगरें के साथ ही जवान एवं बच्चे भी तेजी से आ रहे हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी बाजार-हाट की स्थिति को देखें, तो अभी भी अधिकांश लोगों में कोरोना को लेकर जागरूकता का अभाव है। लोग पूरी तरह से कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि कोविड संक्रमितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। इधर संक्रमितों की मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है।

बताते चलें कि पिछले साल कोरोना की पहली लहर के दौरान चार माह से भी अधिक समय में मात्र 38 संक्रमितों की मौत हुई थी, जबकि दूसरी लहर में मात्र एक माह में ही 250 से अधिक लोगों की मौत इसका महामारी की भयावहता का ज्वलंत प्रमाण है। गौरतलब है कि इस बार पहले की अपेक्षा कोरोना वायरस कैलिफोर्निया के वायरस के साथ म्यूटेट होकर अधिक संक्रामक एवं घातक हो चुका है। कोरोना की पहली लहर में हजरीबाग जिले में संक्रमितों का आंकड़ा 38 पर थम गया था, लेकिन दूसरी लहर ने ऐसा कहर बरपाया कि मात्र 30 दिनों के अंदर ही 251 संक्रमितों की मौत के साथ मौत के आंकड़ा उछलकर 279 पर पहुंच गया। जिला आइडीएसपी विभाग के मुताबिक होली के त्योहार तक सब कुछ सामान्य था। लोग कोरोना को भूलने लगे थे, लेकिन विगत 12 मई से प्रारंभ हुए संक्रमितों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना संक्रमितों के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सरकारी एवं निजी अस्पतालों को कोविड स्पेशल अस्पताल में तब्दील किया जा रहा है, लेकिन उतनी ही तेजी के साथ मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। हालात यह है कि अस्पताल में भर्ती होने के कुछ घंटों या दिन के बाद ही संक्रमित दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में जब तक टीकाकरण अभियान पूरा नहीं हो जाता है, तब तक कोविड गाइडलाइन का पूर्णतया पालन कर ही इस महामारी से सुरक्षित रहा जा सकता है। हालांकि सूबे की सरकार ने कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की घोषणा करने के बाद लॉकडाउन का विस्तार करते हुए इसे और भी सख्ती से लागू कर दिया है।


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