बदहाली के दौर से गुजर रहा कॉपरेटिव बैंक
देश के ग्रामीण परिवेश को सुचारू और सुद़ढ करने के उद्देश्य से सहक
मासूम अहमद, हजारीबाग : देश के ग्रामीण परिवेश को सुचारू और सुद़ढ करने के उद्देश्य से सहकारिता की परिकल्पना को धरातल पर उतरा गया था। इसके भलीभांति संचालन के लिए पैक्स यानी प्राथमिक सहकारी समितियां गठित की गई थी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सहकारिता बैंक का गठन किया गया। प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग में संचालित बैंक का क्षेत्रीय कार्यालय संचालित है जिसके अधीन कुल 16 शाखाएं संचालित हैं। मगर पिछले करीब छह माह से बैंक का क्षेत्रीय कार्यालय अव्यवस्था के दौर से गुजर रहा है। कारण यह है कि विगत करीब छह माह से कॉपरेटिव बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में प्रबंध निदेशक की कुर्सी खाली पड़ती है। प्रबंध निदेशक के तौर पर कार्यरत जिला सहकारिता पदाधिकारी का प्रबंध निदेशक के प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। अब तक कोई नई नियुक्ति नहीं हुई है। नतीजा यह हुआ है कि बैंक को छोटे छोटे कार्यों के लिए भी राज्य मुख्यालय से स्वीकृति लेनी पड़ती है। उदाहरण के तौर पर बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय का एकलौता एटीएम जिसे कार्यालय के सामने एनएच किनारे स्थापित किया गया था वह सिर्फ यूपीएस खराब होने के कारण महीनों से ठप पडा है। कई शाखाओं का कार्य जेनेरेटर खराब होने के कारण बाधित रहता है। इसके अलावा बैंक में प्रबंधकों सहित कर्मियों की भारी कमी है। इन सबसे राज्य व केंद्र सरकार की कई योजनाओं के अनुपालन में अपेक्षित सफलता नहीं मिलती है। इन सब बातों को पिछले दिनों रांची में हुई निदेशक मंडल की बैठक में निदेशक नगीना सिंह द्वारा उठाया गया था। उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए जल्द से जल्द प्रबंध निदेशक की नियुक्ति की मांग की है।
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बड़े बकाएदारों का नाम होगा उजागर जिले के लोहड़ी पैक्स में सौ के करीब ऐसे बकाएदार हैं जिन्हें पैक्स से वित्त पोषित किया गया है। लेकिन इन बकाएदारों द्वारा राशि लौटाया नहीं जा रहा है। पैसा नहीं लौटाने के कारण सर्टिफिकेट कार्यालय द्वारा मुकदमे का मामला विचाराधीन है। विवश होकर पैक्स प्रबंध ने इन हठी बकाएदारों का नाम अखबारों में प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। यह बातें अध्यक्ष नगीना सिंह ने बताई।
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- प्रबंध निदेशक की नियुक्ति सहित बैंक के सुचारू संचालन के लिए कई अन्य मुद्दों को मैंने बैठक में उठाया है। इनमें बैंक में प्रबंधकों सहित कर्मियों की कमी का भी मामला शामिल है। ताकि बैठक का कार्य किसी तरह प्रभावित न हो और ग्राहकों का विश्वास बैंक पर बना रहे - नगीना सिंह, निदेशक, निदेशक पर्षद
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