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कोरोना से लड़ने की तैयारी अब भी है अधूरी

हजारीबाग भले ही केंद्र सरकार ने देश में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर इ

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Mar 2020 08:24 PM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 08:24 PM (IST)
कोरोना से लड़ने की तैयारी अब भी है अधूरी
कोरोना से लड़ने की तैयारी अब भी है अधूरी

हजारीबाग : भले ही केंद्र सरकार ने देश में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दिया हो, लेकिन जमीनी हकीकत देखने से पता चलता है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए अब भी जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। हालांकि केंद्र की सरकार के द्वारा इस राष्ट्रीय आपदा को लेकर आपदा प्रबंधन कोष में जिला प्रशासन को पर्याप्त राशि मुहैया भी कराई गई है। वहीं एनएचएम के तहत भी कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए राशि खर्च करने की अनुमति दी गई है। लेकिन फिर लालफीताशाही के कारण अब तक धरातल पर कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने व उससे लोगों को बचाने के लिए खास कुछ तैयारियां नहीं की गई है।

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नहीं बन पाया हेल्प डेस्क, हेल्प लाइन नंबर, कोरोनटाइन वार्ड

जानकारी के मुताबिक कोविड 19 कोरोना वायरस से संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए जिला प्रशासन कछुए की गति से कार्य कर रहा है। इसका परिणाम है कि सिर्फ दिखावे के लिए एचएमसीएच के ट्रामा सेंटर में मात्र छ: बेड का आईसोलेशन वार्ड बनाया गया है। यह आईसोलशन वार्ड स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुकूल नहीं है। जबकि बगल के जिला कोडरमा में भी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सौ बेड का कोरोनटाइन वार्ड बनाया गया है। वहीं कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति में जिला के लोगों के लिए अब न तो हेल्प डेस्क बनाया गया है, साथ ही कोई हेल्प लाइन नंबर भी नहीं जारी किया गया है। वहीं कोरोना वायरस से बचाव को लेकर लोगों के बीच जागरूकता को लेकर अब भी बहुत कुछ करना बाकी है। गांव के स्तरों पर अब भी लोगों में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर पर्याप्त जागरूकता नहीं आई है।

आईसोलेश वार्ड मानकों के अनुरूप नहीं

जानकारों के मुताबिक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए एचएमसीएच के ट्रामा सेंटर में बनाए गए छ: बेडों का आईसोलेशन वार्ड मानकों के अनुरूप नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा दिए गए निर्देशों के मुताबिक आईसोलेशन वार्ड या कोरोनटाईन वार्ड वैसे स्थानों पर बनाया जाना चाहिए था जहां लोगों का आवागमन नहीं के बराबर हो। साथ ही आईसोलेशन वार्ड के टॉयलेट का प्रयोग अन्य मरीजों या लोगों के द्वारा नहीं किया जाना चाहिए। वहीं आईसोलेशन वार्ड के आसपास कम से कम बीस मीटर की दूरी तक लोगों के भीड़ जुटने की संभावना नहीं हो, जबकि ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी में हमेशा ही मरीजों व उनके परिजनों की भीड़ जुटती है। वहीं आईसोलेशन वार्ड तक संक्रमित मरीजों को ले जाने के दौरान भी अस्पताल के अन्य मरीजों व उनके परिजनों से संपर्क में आने से इंकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन जिला प्रशासन एवं एचएमसीएच प्रबंधन ने अब जब हमारे देश में कोरोना वायरस का संक्रमण दूसरे से तीसरे चरण में पहुंच चुका है, आईसोलेशन वार्ड की सिर्फ खानापूíत करने का काम किया है। वास्तव में एचएमसीएच प्रबंधन कुंभकर्णी निद्रा में सोया हुआ है, उसे आसन्न संकट का भान नहीं है।


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