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दूसरों का काट रहे चालान, सरकार के 150 वाहनों का बीमा नही

हजारीबाग सड़क सुरक्षा अभियान से लेकर यातायात जागरूकता के तहत सड़कों पर आम लोगों क

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 08:58 PM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 06:59 AM (IST)
दूसरों का काट रहे चालान, सरकार के 150 वाहनों का बीमा नही

हजारीबाग : सड़क सुरक्षा अभियान से लेकर यातायात जागरूकता के तहत सड़कों पर आम लोगों को सीख दे रहे प्रशासनिक पदाधिकारी खुद नियम तोड़ रहे है। जिले में संचालित निजी वाहनों को छोड़ अधिकांश वाहनों का बीमा फेल है और सड़कों पर अधिकारियों को लेकर सरपट दौड़ रही है। बीमा फेल होने का खामियाजा सरकार के साथ साथ उन पदाधिकारी और वाहन चालकों को भी भुगतना पड़ता है, जो वाहन दुर्घटना के शिकार होते है। जिले में ऐसे करीब 150 से अधिक वाहन है जिनका बीमा की दूसरी किश्त आज तक नहीं भरी गई। सड़क पर दौड़ रहे ये वाहन थाना से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक शामिल है। इन वाहनों में बीमा तो दूर की बात है समय पर सर्विसिग तक नहीं होती। प्रदूषण तो नई बात है।

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बिना बीमा के परिवहन पदाधिकारी, एमवीआइ, पीसीआर वाहन भी सवालों के घेरे में

जिले में उपायुक्त और एसपी जैसे बड़े पदाधिकारियों के वाहन को छोड़ दे तो अन्य सभी पदाधिकारियों के वाहन का बीमा फेल है। पुलिस विभाग में ये हालत और भी खराब है। यहां छोटी मोटी टूट फूट के बिल भले हीं विभाग में बनता है, लेकिन खर्च वाहन चालकों, थाना प्रभारियों और संबंधित पदाधिकारियों को करना पड़ता है। परिवहन पदाधिकारी और मोटर यान निरीक्षक एमवीआई के वाहनों का भी यहीं हाल है।

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कंडम हो चुका है यातायात प्रभारी का वाहन

सड़कों पर लोगों को नियम विरुद्ध पाकर सबसे अधिक चालान करने का काम यातायात विभाग करती है। लेकिन हजारीबाग में यातायात प्रभारी का वाहन सड़कों पर चलने लायक तक नहीं है। बीमा, प्रदूषण तो इनके लिए दूर की बात है। ऐसे में खुद नियम तोड़ रहे पदाधिकारियों के वाहनों को लेकर खुद सरकारी महकमा सवालों के घेरे में आ गए है।

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सरकारी वाहनों में बीमा की कीमत जवानों को जान देकर चुकानी पड़ती है : भीखू पासवान

सड़कों पर गश्त करने वाले वाहनों में बैठे जवानों को विभाग की लापरवाही का खामियाजा अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। बीमा नहीं होने के कारण सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होने वाले जवान व उनके परिजनों को कोई सहायता नहीं मिल पाती। हाल के दिनों में मोरांगी में भी दो जवानों को जान चली गई, लेकिन बीमा नहीं होने के कारण वाहन भी बेकार हो गया और मुआवजा भी नहीं मिला। पुलिस मेंस एसोसिएशन के जिला मंत्री भीखू पासवान ने इसे घोर लापरवाही बताया है। कहा कि हालत बहुत खराब है, ऐसे में जवान और पदाधिकारियों के बीच रोष पनप रहा है।

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नए नियम में सरकारी वाहन भी शामिल है। सरकार की चिट्ठी भी है। सभी सरकारी वाहनों में अनिवार्य रुप से बीमा कराया जाना है। विभाग यह सुनिश्चित करेगी। आवश्यकता पड़ी तो हम उन्हें चालान भी करेंगे। 25 से 30 सितंबर तक सभी सरकारी वाहनों का बीमा हो जाना है।

डेविड बलिहार, प्रभारी परिवहन पदाधिकारी, हजारीबाग


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