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छापेमारी में मिली ट्यूब में शराब

अरविद राणा हजारीबाग पुलिस के पकड़ से बचने के लिए जंगली क्षेत्र अवैध शराब का निर्माण

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 10:40 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 06:38 AM (IST)
छापेमारी में मिली ट्यूब में शराब
छापेमारी में मिली ट्यूब में शराब

अरविद राणा, हजारीबाग : पुलिस के पकड़ से बचने के लिए जंगली क्षेत्र अवैध शराब का निर्माण कर रहे शराब तस्कर इसी तर्ज पर शराब तस्करी भी कर रहे हैं। तस्करी का इनका अंदाज नया है और किसी को कानों कान तक खबर भी नहीं होती। यह सच इचाक पुलिस द्वारा शनिवार को अवैध शराब के खिलाफ की गई कार्रवाई में सामने आया है। पुलिस ने छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में टायर में लगने वाली ट्यूब बरामद की है। बरामद ट्यूब में शराब थी और इसकी सप्लाई रात के अंधेरे में की जा रही है। एक टयूब में करीब 20 - 30 लीटर शराब आती है। इसे आसानी से साइकिल और मोटरसाइकिल से भी ढ़ोया जाता है। मजबूत और सुरक्षित होने के साथ साथ इस पर किसी को शक भी नहीं होता है।

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दिन के उजाले में नहीं रात के अंधेरे में पहुंचाई जा रही शराब

जानकारी के मुताबिक अवैध और देसी के साथ-साथ विदेशी शराब दिन के उजाले में नहीं बल्कि रात के अंधेरे में करीब सुबह तीन के चार बजे पहुंचाई जा रही है। चौपारण से बिहार के अलावा बरही शराब भेजी जा रही है। वहीं पदमा, इचाक के अलावा सदर प्रखंड के बड़ासी तथा पबरा में इसका निर्माण किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में कोर्रा, ओकनी, हेड टोला, लाखे - पतरातू सहित अन्य शहर से लगे बस्तियों और उनके दुकानों में बड़ासी और पबरा से शराब भेजी जाती है। वहीं पदमा और इचाक में निर्मित शराब पत्थर खदानों के साथ साथ लाइन होटल और मजदूर सेंटरों पर उपलब्ध कराई जा रही है। डेली मार्केट, से लेकर रामनगर तक तस्करों की पहुंच

पुख्ता सूचना के मुताबिक अवैध शराब का कारोबार डेली मार्केट से लेकर रामनगर कदमा तक हो रहा है। शाम ढ़लते ही यह कारोबार दिन दहाड़े और दिन में बिना शोर किए चुपचाप चलता है। इसके अलावा शिवपुरी के विभिन्न क्षेत्रों में भी शराब की कई दुकानें संचालित हैं।

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प्रखंड कार्यालय और वेल्स ग्राउंड के पीछे सजता है बाजार

अवैध शराब का अड्डा अंचल कार्यालय और वेल्स ग्राउंड के पीछे भी बनी झाड़ियों में भी संचालित होता है। बकायदा यहां शराब और हड़िया - मांड़ी पीने वालों की लाइन लगती है। दिन में यहां एक साथ तीन से चार सौ लोगों को खाते पीते देखा जा सकता है। दोनो ओर जंगल और सरकारी कार्यालय होने के कारण लोग अंदर जंगल में नहीं जाते। जबकि शहरी क्षेत्र में अवैध महुआ चुलाई शराब बिक्री का यह सबसे बड़ा केंद्र है।


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