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प्रथम गणतांत्रिक व्यवस्था है आदिवासी शासन व्यवस्था

हजारीबाग : यंग ब्लड आदिवासी ग्रुप की ओर से एक दिवसीय आदिवासी प्राचीन शासन व्यवस्था एवं संवैधानिक प्र

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Apr 2017 08:44 PM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 08:44 PM (IST)
प्रथम गणतांत्रिक व्यवस्था है आदिवासी शासन व्यवस्था
प्रथम गणतांत्रिक व्यवस्था है आदिवासी शासन व्यवस्था

हजारीबाग : यंग ब्लड आदिवासी ग्रुप की ओर से एक दिवसीय आदिवासी प्राचीन शासन व्यवस्था एवं संवैधानिक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। स्थानीय जुलू पार्क स्थित ए न्यू एरा भवन में हुए कार्यक्रम की अध्यक्ष यंग ब्लड के मांझी हड़ाम मनोज टुडू द्वारा किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही आदिवासियों की अपनी शासन व्यवस्था है जिसमें विशेष कार्य और पद के लिए विशेष नाम होता है। यह व्यवस्था आज भी गांवों में मौजूद है मगर मुगल और अंग्रेजी शासन काल में आदिवासी समाज को टुकड़ों में बांट दिया गया। सरना समिति के महेंद्र बेक ने कहा कि आदिवासियों की शासन व्यवस्था काफी मजबूत है जिसका अनुकरण कई देशों द्वारा किया गया है। यही कारण है कि इसे प्रथम गणतांत्रिक व्यवस्था भी कहा जाता है। संथाल स्टूडेंट यूनियन के जिलाध्यक्ष मनोज सोरेन ने कहा कि इस व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। विजय मुर्मू ने कहा कि इस हाड़ी व्यवस्था को पुनर्जीवित करके ही हमारा अस्तित्व बच सकता है। शिविर में नरेश मुंडा, राजेश हांसदा, पंकज भगत, अभिषेक टुडू, मानवेल मरांडी, अजय टुडू, मनोज सोरेन, वेरोनिका टुडू, अंजली हेम्ब्रम, रसमनी टुडू, प्रिया कुमारी आदि मौजूद थे।


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