आठवीं की गणित पुस्तक में कई गड़बडिया
शशि शेखर, चौपारण : सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के प्रति विभाग कितना संवेदनशील रहता है इस
शशि शेखर, चौपारण : सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के प्रति विभाग कितना संवेदनशील रहता है इस बात का प्रमाण सत्र 14-15 के गणित विषय की पुस्तक में मिल रहा है। दरअसल पुस्तक की छपाई में कई गड़बड़िया पाई गई हैं। यदि गलत मुद्रण किसी एक पेज में होता तो इसे नजरअंदाज किया जा सकता था। परन्तु पुस्तक के कुल 288 पेजों में यह गलतिया कई बार उजागर हो जा रही है। इससे न सिर्फ छात्र बल्कि शिक्षकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी हो कि केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से संचालित सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रम के तहत सरकारी विद्यालयों में वर्ग एक से आठ तक के बच्चों को निश्शुल्क पुस्तक मिलता है। सारी पुस्तकें राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद से कापीराइट हासिल करने के बाद मुद्रण व वितरण का दायित्व झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के अधीन रहता है। पुस्तक के आमुख में साफ दर्ज है कि झारखंड सरकार द्वारा प्रारंभिक शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक विकास के लिए सीबीएसई का पाठयक्रम अंगीकृत किया गया है जिससे वर्ग दो से सातवीं तक की कक्षा के लिए एनसीईआरटी द्वारा विकसित पाठय पुस्तकें संचालित हो रही हैं। राज्य के बच्चों को राष्ट्रीय मानक के अनुरूप गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाने का संकल्प है। परन्तु सरकार की यह मंशा परियोजना की अनदेखी की वजह से परेशानी का सबब बन गया है।
क्या है गडबडिया ....
पुस्तक में दर्जनों बार प्रश्नों व उदाहरण में गणितीय संकेत यथा जोड, घटाव, गुणा, भाग, बराबर, कोष्टक आदि का मुद्रण छूट गया है। पेज नंबर तीन से पाच में प्रश्नावली 1.1 के सभी प्रश्नों व उदाहरण में गडबडी है। इसी प्रकार पेज नंबर 19 से 21 तक प्रश्नावली 1.2, पेज नंबर 27 व 28 में प्रश्नावली 2.1 के सभी प्रश्नों व उदाहरणों में, पेज नंबर 36, 38, 39 तक में प्रश्नावली 2.5 में उदाहरण में, प्रषनावली 2.6 के सभी प्रश्नों एवं उदाहरणों में, पेज नंबर 134 से 142 के प्रश्नावली व उदाहरण में, पेज नंबर 154 में प्रश्नावली 9.3 के प्रश्न संख्या तीन में, उप प्रश्न 2 व तीन में, पेज नंबर 159 में उदाहरण नंबर 13 में, पेज नंबर 180 से 185 के बीच सभी उदाहरणों में, पेज नंबर 199, 203, 204, 205, 233, 234, 235, 237 में भी सभी उदाहरणों व प्रश्नावली में गणितीय संकेत नहीं हैं। उतरमाला में भी कई जगहों पर संकेतों का मुद्रण नहीं है।
क्या कहते हैं अधिकारी ...
इस बारे में डीएसई शिवेंदु कुमार ने कहा कि अभी तक इस त्रुटि की ओर ध्यान आकृष्ट नहीं करवाया गया है। ऐसी बात है तो इसमें सुधार का प्रयास होगा। भविष्य में इसकी पुनरावृति नहीं हो इसका ध्यान रखा जायेगा।