शिक्षित और आत्मनिर्भर बनें महिलाएं
जासं, हजारीबाग : झारखंड की महिलाओं की स्थिति बेहद खराब है। महिला व्यापार की सर्वाधिक घटनाएं इसी
जासं, हजारीबाग : झारखंड की महिलाओं की स्थिति बेहद
खराब है। महिला व्यापार की सर्वाधिक घटनाएं इसी प्रांत में घटित होती है। वर्तमान समय में अंधविश्वास, अशिक्षा, गरीबी, कुपोषण, बेरोजगारी, डायन प्रथा जैसी सामाजिक विसंगतियों की जाल में महिलाएं उलझी हुई हैं। उक्त बातें राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डा. महुआ माजी ने शुक्रवार को केबी महिला कॉलेज के सभागार में आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में कही। डा. माजी ने कहा कि महिलाओं को समान दर्जा दिया जाना तथा उनके प्रति सम्मान की भावना रखना हर नागरिक का कर्तव्य है। इसके लिए महिलाओं को शिक्षित करना जरूरी है ताकि शिक्षा के माध्यम से उनका स्वर्णिम भविष्य सुधर सकता है।
महिलाओं को समानता का अधिकार : भारतीय समाज के परिपेक्ष्य में विषय पर अपनी राय प्रकट करते हुए विभावि के कुलपति डॉ. गुरदीप सिंह ने कहा कि महिलाओं में आत्मविश्वास का होना जरूरी है। लेकिन बगैर शिक्षा के उनके बहुआयामी व्यक्तिव का विकास नहीं हो सकता। अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. सिंह ने महिलाओं को शिक्षित तथा आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया। विभावि प्रतिकुलपति डॉ. सिंह ने विज्ञान की कसौटी पर रखकर महिलाओं की समानता के संदर्भ में अकाट्य तर्क प्रस्तुत किए। डॉ. सिन्हा ने कहा कि महिलाएं किसी भी मायने में कमजोर नहीं हैं, सिर्फ उन्हें अपनी शक्ति पहचानने की जरूरत है।
सेमिनार को रांची विश्वविद्यालय की महिला स्टडी सेंटर की संस्थापक सदस्या डॉ. राजकुमारी सिन्हा, प्रसिद्ध कानून वेता विक्रम सेन ने संबोधित करते हुए कानून समेत कई व्यवहारिक जानकारियां दी। प्राचार्या डॉ. रेखा रानी ने अतिथियों का स्वागत की। डॉ. यामिनी सहाय ने विषय प्रवेश करते हुए सेमिनार के औचित्य पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन प्रो. सरिता झा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सबिता वर्मा ने की। मौके पर डॉ. ममता सिन्हा, डॉ. कृष्णा प्रधान, अनिता आल्दा, प्रो. निहारिका यादव समेत तमाम महाविद्यालय परिवार उपस्थित होकर सेमिनार को सफल बनाने में सहयोग दिया।