बेहतर आचरण पर आजीवन कारावास की सजा काट रहे 10 बंदी हुए रिहा
संवाद सहयोगी हजारीबाग राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद के आदेश पर जेपी कारा प्रशासन ने शनिवा
संवाद सहयोगी, हजारीबाग : राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद के आदेश पर जेपी कारा प्रशासन ने शनिवार को 10 बंदी हुए रिहा किए। ये बंदी हत्या, अपरहण, डकैती, दुष्कर्म जैसे मामले में बंद थे और आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। इनके आचरण के आधार पर बोर्ड ने 20 जुलाई को इन्हें रिहा करने का आदेश दिया था। रिहा होने वाले सभी बंदी 14 वर्ष से अधिक की सजा काट चुके हैं। कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद जेपी कारा ने इन्हें क्रमश : शुक्रवार और शनिवार को रिहा कर दिया। जेल प्रशासन की ओर से उनके परिजनों को बुलाकर सौंपा गया। विदाई समारोह में इन्हें माला और पुष्प दिए गए। विदा होने के समय सभी के चेहरे पर खुशी के आंसू थे। रिहा होने वाले इन दस बंदियों में एक ओपेन जेल में बंद बोरिया साहेबगंज का पवन पासवान भी है। जेल अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर ने लोगों से स्वच्छ आचरण करने की अपील की, परिजनों से भी बातचीत की। शनिवार संध्या करीब पांच बजे कैदियों को रिहा किया गया। बाहर आते हीं अपनों से मिलकर भाव विभोर हो गए। वर्षों बाद सजा काट जेल से बाहर निकले बंदी परिजनों को सामने पाकर काफी भावुक थे। रिहा होने वाले बंदियों में बड़कागांव तलसवार के चमरु महतो व गल्लू महतो, गिरिडीह के परमेश्वर विश्वकर्मा, गोला रामगढ़ के खेमलाल साव, गया पहाड़ी बरकट्ठा के परमेश्वर महतो, बगोदर के दुलार पंडित, बरकट्ठा के शिवलाल महतो, भुरकुंडा के खेपा बाबा, धनवार के राम प्रसाद राय व कोडरमा के मुंशी टुडू शामिल है।