तस्करी से प्रभावित बच्चों को पुनर्वास की जरूरत
गुमला : गुमला जिला में मानव तस्करी रोकने के लिए पुलिस द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। तस्करी के शिकार बच्चों को पुनर्वास की ज्यादा आवश्यकता है।
गुमला : गुमला जिला में मानव तस्करी रोकने के लिए पुलिस द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। तस्करी के शिकार बच्चों को पुनर्वास की ज्यादा आवश्यकता है। शनिवार का सूचना भवन में बाल संरक्षण पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में संबोधित करते हुए एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने उक्त बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम का बेहतर पालन हो। बच्चों के संरक्षण की जरूरत है। मानव तस्करी अभिशाप है। अक्सर गांवों में दलाल सक्रिय रहते हैं तथा मौका पाकर बच्चों को बहला फुसलाकर ले जाते हैं। इसे रोकने के लिए केवल पुलिस नहीं बल्कि समाज के हर व्यक्ति का सहयोग अपेक्षित है। कहा कि जो बच्चे बाल गृह में रह रहे हैं उनकी अच्छी देखभाल होनी चाहिए। श्रम अधीक्षक बबन ¨सह ने कहा कि जो भी बच्चे बाल श्रम में पाए जाएंगे या बंधुआ मजदूर में पाए जाएंगे उनका श्रम कानून के अंतर्गत तुरंत कार्रवाई की जाएगी । इसके साथ ही मुआवजा की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी। मौके पर पियूष सेनगुप्ता द्वारा श्रम एवं पोक्सो तथा किशोर न्याय अधिनियम के संबंध में जानकारी दी। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष शंभू ¨सह ने कहा कि गुमशुदगी या तस्करी के मामले में पुलिस यथाशीघ्र मामला दर्ज करना सुनिश्चित करें तथा पोक्सो के मामले में एफआइआर समिति को तुरंत भेजा जाए,ताकि पीड़िता को सपोर्ट पर्सन उपलब्ध कराया जा सके। कहा कि बच्चों को पुनर्वास की आवश्यकता है ताकि वह पुन: मानव तस्करी का शिकार न हो। कार्यशाला में गुमला थाना प्रभारी रंजीत झा, बाल कल्याण समिति सदस्य कृपा केस ,संजय कुमार भगत, बहन सरिता , रागिनी प्रसाद ,उपेंद्र ¨सह, यशवंत कुमार ¨सह, सावित्री देवी ,स्वर्ण मानी कुजूर, फादर क्रिस्टोफर लड़का , सहदेव साहू ,माइकल, सुमन व अन्य अधिकारी मौजूद थे।