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नाबालिग बहन से दुष्कर्म का प्रयास और हत्या के मामले में सजा-ए-मौत Gumla News

रिश्ते में ममेरी बहन के साथ दुष्कर्म का प्रयास और विरोध करने पर हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी भाई को फांसी की सजा सुनाई है।

By Edited By: Published: Fri, 09 Aug 2019 11:49 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 08:23 AM (IST)
नाबालिग बहन से दुष्कर्म का प्रयास और हत्या के मामले में सजा-ए-मौत Gumla News
नाबालिग बहन से दुष्कर्म का प्रयास और हत्या के मामले में सजा-ए-मौत Gumla News

गुमला, जासं। रिश्ते में नाबालिग ममेरी बहन के साथ दुष्कर्म का प्रयास और विरोध करने पर हत्या के मामले में सुनवाई पूरी होने पर शुक्रवार को एडीजे-1 लोलार्क दूबे की अदालत ने लोहरदगा जिला के सेन्हा प्रखंड के आराहंसा निवासी रवि मुंडा को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। मामला भरनो थाना क्षेत्र के डांडकेशा गांव का है। 21 अक्टूबर 2018 को रवि मुंडा ने नौ वर्षीय अपनी ममेरी बहन के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। बहन द्वारा विरोध करने पर बसुला से काटकर उसकी हत्या कर दी।

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रवि मुंडा अपने मामा के घर आया हुआ था। रात्रि में घर पर ही ठहरा था। सुबह में लड़की खाना पकाने के लिए चावल लाने उस कमरे में गई जहां रवि सोया हुआ था। बच्ची को अकेला पाकर रवि ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। बच्ची ने विरोध करते हुए शोर मचा दी। रवि ने दरवाजा बंद कर दिया और कमरे में रखे बसुला से काटकर उसकी हत्या कर दी।

हत्या के बाद वह कमरा के धरना पर चढ़ गया। शोर सुनकर लोग कमरा के पास पहुंचे। दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया। लेकिन रवि ने दरवाजा नहीं खोला। ग्रामीणों ने दरवाजा तोड़ा। कमरे में बच्ची का शव खून से लथपथ पड़ा था। ग्रामीणों ने रवि को धरना से नीचे उतारा तथा पुलिस के हवाले कर दिया। इसके बाद बच्ची के पिता के बयान पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की।

न्यायाधीश ने की टिप्पणी, घटना नमनीयता बरतने लायक नहीं
न्यायाधीश लोलार्क दूबे ने कहा कि लैंगिग अपराधों से बच्चों को बचाने के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं। दुष्कर्म व हत्या जैसे जघन्य मामले में मृत्यु दंड का कठोर प्रावधान है। महिला व नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना से देश व समाज में आक्रोश व्याप्त हो रहा है। जहां नारी की पूजा होती है वहीं पर देवताओं का वास होता है। ऐसी सोच रखने वाला हमारे समाज में इस तरह की घटना नमनीयता बरतने लायक नहीं है।

उन्होंने नारी की महिमा पर जयशंकर प्रसाद की रचना कामायनी के दोहे पढ़े। इसके उपरांत उन्होंने सिद्ध दोषी को गले में फांसी का फंदा लगाकर मृत्युपर्यत लटकाने का आदेश पढ़ा। उन्होंने मृतका की मां को दो लाख रुपये अंतरिम प्रतिकार के रुप में देने का आदेश जिला विधिक सेवा प्राधिकार को दिया है।

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