Move to Jagran APP

एनडीआरएफ की टीम जो नहीं कर सकी उसे कर दिखाया स्थानीय गोताखोरों ने

हीरादह में 15 नवंबर को शंख नदी में पिकनिक मनाने गए गुमला के

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 10:02 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 10:02 PM (IST)
एनडीआरएफ की टीम जो नहीं कर सकी उसे कर दिखाया स्थानीय गोताखोरों ने
एनडीआरएफ की टीम जो नहीं कर सकी उसे कर दिखाया स्थानीय गोताखोरों ने

संजय कुमार सिंह, रायडीह : हीरादह में 15 नवंबर को शंख नदी में पिकनिक मनाने गए गुमला के डूबे तीन युवकों को खोजने में प्रशिक्षित एनडीआरएफ की टीम नाकामयाब रही। टीम ने हाथ खड़े कर दी और परिजन निराश हो गए। शुक्रवार को स्थानीय मछुआरों और गोताखोरों ने थाना रोड के अभिषेक कुमार गुप्ता के शव को खोज निकाला जिससे लोग यह कहते सुनाई पड़ रहे हैं कि जो काम एनडीआरएफ की टीम नहीं कर सकी उसे स्थानीय लोगों ने कर दिखाया। स्थानीय लोग प्रति दिन सुबह से शाम तक नदी किनारे डूबे युवकों की तलाश में जुटे रहते थे। आखिर उन्हें कामयाबी मिली। उनका अनुभव काम आया। इसे देखते हुए डूबे सुमित गिरि और सुनील कुमार भगत के स्वजन स्थानीय लोगों से सतत संपर्क बनाए हुए हैं। स्वजनों को उम्मीद है कि सुनील और सुमित के शव को स्थानीय गोताखोर खोज निकालेंगे। कारण दह में मछली पकड़ने के कारण दह के सुरंग का उन्हें अंदाज और अनुभव है।

loksabha election banner

गोताखोरों ने कहा कि परंपरागत रूप से हैं प्रशिक्षित

गोताखोर रमजा गांव के गणपत सिंह, रामदेव सिंह, जितवाहन सिंह और तारालोया गांव के राजू नाग ने कहा कि जब यहां पुल नहीं था तो नदी पार करने की मजबूरियां थी। मजबूरी में नदी पार करने के लिए तैराकी बनना पड़ा था। यह नदी स्थानीय लोगों के जीवीकोपार्जन का भी साधन है इसमें बड़ी बड़ी मछलियां है। मछलिया पकड़ने के लिए उन्हें नदी में डुबकी लगानी पड़ती है। मछलियां नदी के सुरंग में समा जाती है जिन्हें पकड़ने के लिए उन्हें सुरंग में जाना पड़ता है। इस कारण सुरंगों का उन्हें अनुभव है। नदी किनारे घूमने और शिकार करने के कारण भी डूबे हुए लोगों के फंसने और बहकर निकलने का भी वे लोग अनुभव रखते हैं। उनलोगों में भी मानवीय संवेदना है। इसलिए गुमला के डूबे हुए लोगों को खोजना उनका फर्ज बन रहा था। इस कारण से वे नदी किनारे गए थे। और एक शव को बेहते हुए देखा था। जिसे वे निकालने में कामयाब रहे। बाकी दो शवों को खोजने के लिए स्वजनों ने उनसे मदद की गुहार लगाई है। परिजनों ने स्थानीय बैगा पुजार से जल नदी का पुजा कराया है। देवी शक्ति शवों का मिलने का विश्वास कायम है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.