Jharkhand Lockdown: शुक्रगुजार हूं पुलिस का, जिन्होंने घर पहुंचाने का भरोसा दिलाया
Jharkhand Lockdown. धनबाद की एक ग्लास फैक्ट्री में काम करनेवाले वाले दस मजदूर सिमडेगा जिला के बांसजोर जाने के रास्ते में रविवार की सुबह गुमला के पटेल चौक पहुंचे।
गुमला, जासं। साहेब ये न पूछिए कि क्या परेशानी है। घर जाने की उम्मीद है, पत्नी, बच्चों से मिलने की लालसा है। हम लोग शुक्रगुजार हैं पुलिस वालों के, जिन्होंने घर पहुंचाने की उम्मीद जगा रखी है। धनबाद की एक ग्लास फैक्ट्री में काम करनेवाले वाले दस मजदूरों ने सिमडेगा जिला के बांसजोर जाने के रास्ते में रविवार की सुबह गुमला के पटेल चौक पर उक्त बातें कही।
मजदूर विजय नाग, मित्रसेन सुषमा नाग, जुबुरुस विलुंग, विलियम टेटे लंबू, अजय नाग, हरभजन आदि ने बताया कि लाॅकडाउन के बाद ग्लास फैक्ट्री बंद हो गया। वे लोग बोकारो तक पैदल आए। बोकारो पुलिस ने वाहन पर बैठाकर गोला भेजा। वहां से पैदल चितरपुर पहुंचे। वहां की पुलिस ने वाहन से गुमला पहुंचाया। शनिवार की रात 11 बजे पहुंचे हैं। रास्ते में पुलिस ने भोजन कराया। गुमला पुलिस ने घर पहुंचाने का भरोसा दिलाया है। इसलिए पुलिस का शुक्रगुजार हूं।
शारीरिक दूरी बनाने को लाठी लेकर सब्जी बाजार में तैनात हुए अघिकारी
परमवीर अल्बर्ट एक्का स्टेडियम संख्या दो में सब्जी बाजार लगने से पहले ही रविवार के अहले सुबह से गुमला के एसडीएम जितेंद्र कुमार देव, बीडीओ संघ्या मुंडु और अन्य अधिकारी तथा पुलिस बल के जवान शारिरीक दूरी बनाए रखने के उद्देश्य से हाथ में लाठी डंडा लेकर तैनात थे। हालांकि किसी को डराने के लिए नहीं बल्कि कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने से रोकने के लिए किया गया था। लोगों को सावधान और जागरूक करने के लिए प्रशासन के इस कार्रवाई का लोगो ने सराहना की।
दुकानदारों और ग्रहकों को एक मीटर की बनाने की अपील पर दीपक कुमार गुप्ता, आचार्य अखिल और ललन ने कहा कि प्रशासन की यह पहल सराहनीय और स्वीकारात्मक है। ज्ञातव्य है शनिवार को इसी मैदान में लगे सब्जी बाजार में शारिरीक दूरी का पालन नहीं होने और रेलमपेल की स्थिति से लोगों में चिन्ता व्याप्त हो गयी थी। दैनिक जागरण ने रविवार को इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।