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रामेश्वर उरांव को कांग्रेस की कमान मिलने से कार्यकर्ता उत्साहित

जागरण संवाददातागुमला विधान सभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस आला कमान ने झारखंड में कांग्रेस की डूबती नैय्या को बचाने के लिए संगठन में फेरबदल किया है। डा.अजय कुमार के त्याग पत्र देने और सोनिया गांधी के कांग्रेस का कमान संभालने के बाद से डॉ. रामेश्वर उरांव के प्रदेश अध्यक्ष बनने के कयास लगना आरंभ हो गया था। डॉ . उरांव श्री

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 07:08 PM (IST)Updated: Mon, 26 Aug 2019 07:08 PM (IST)
रामेश्वर उरांव को कांग्रेस की कमान मिलने से कार्यकर्ता उत्साहित

जागरण संवाददाता,गुमला : विधान सभा चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस आला कमान ने झारखंड में कांग्रेस की डूबती नैया को बचाने के लिए संगठन में फेरबदल किया है। डॉ.अजय कुमार के त्याग पत्र देने और सोनिया गांधी के कांग्रेस का कमान संभालने के बाद से डॉ. रामेश्वर उरांव के प्रदेश अध्यक्ष बनने के कयास लगना आरंभ हो गया था। डॉ. उरांव श्रीमती सोनिया गांधी के विश्वास पात्र माने जाते रहे हैं। सोनिया गांधी के कहने पर डॉ. उरांव ने पुलिस की नौकरी से वीआरएस लिया था और 2004 के लोकसभा चुनाव में लोहरदगा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार बने थे। वे चुनाव भी जीते थे। डॉ. उरांव बाद में काफी कम मतों से 2009 और 2014 के संसदीय चुनाव में सुदर्शन भगत से हारे थे। लेकिन उन्होंने न क्षेत्र छोड़ा और जनता से अपना जुड़ाव कम किया। संगठन के काम में निरंतर लगे रहे। उनकी सक्रियता कम नहीं हुई। अब उन्हें प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी गयी है। पार्टी ने ऐसे समय में प्रदेश की कमान सौंपी जब राज्य में विधान सभा चुनाव में मात्र तीन माह का समय बचा है। कांग्रेस के कार्यकर्ता भी यह मानते हैं कि डॉ. उरांव को यह पद देकर नेतृत्व ने उनकी काबिलियत परखने का काम किया है। कांग्रेस के बिखरे संगठन को मजबूत बनाने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के अलावे कांग्रेस में आम जनता का भरोसा पैदा करने नए प्रदेश अध्यक्ष की चुनौती होगी। रामेश्वर उरांव के अध्यक्ष बनने पर बंटी मिठाईयां जैसे ही सोमवार को डॉ. रामेश्वर उरांव के प्रदेश अध्यक्ष बनने की खबर गुमला के लोगों, पार्टी कार्यकर्ताओं और परिवार के सदस्यों को मिली लोग खुशी मनाने लगे। मिठाई भी बांटने लगे। समाहरणालय परिसर में जिला कांग्रेस के वरीय उपाध्यक्ष रमेश कुमार चीनी ने उपस्थित पार्टी कार्यकर्ताओं तथा अन्य लोगों को मुंह मीठा कराना आरंभ किया। उनके अलावे कई लोगों ने दूरभाष पर उन्हें अध्यक्ष बनने की बधाई देने लगे। ससुराल घर में छायी खुशी, बंटी मिठाई गुमला के मुरली बगीचा में डॉ. रामेश्वर उरांव का ससुराल घर है। यहां उनकी पत्नी लक्ष्मी भगत, पुत्र प्रतीक कुमार भगत, किरण भगत, वार्ड पार्षद नूतन रानी पुतुल, अशोक कुमार लाल , रीता लाल, तनिष्क भगत, मिली भगत, कांग्रेस कार्यकर्ता अरुण कुमार गुप्ता, फागुन साहु आदि ने डॉ. उरांव के अध्यक्ष बनने पर खुशियों का इजहार किया और एक-दूसरे का मुंह मीठा किया। संगठन में जान फूंके : लक्ष्मी भगत

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प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद मुरलीबगीचा में उनकी पत्नी लक्ष्मी भगत ने दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए कहा कि उनके अध्यक्ष बनने से जो खुशी मिल रही है, उसे वो बयां नहीं कर सकती। खुशी अनुभव करने की चीज है। उनसे मेरी अपेक्षा है कि वे पद पर ईमानदारी से काम करते हुए पद की मर्यादा को अक्षुण्ण रखेंगे। संगठन का काम बखूबी करेंगे। उन्हें संगठन का काफी काम होगा क्योंकि चुनाव में मात्र तीन माह रह गए हैं। उन्हें कांग्रेस के पक्ष में परिणाम देना होगा। विषम परिस्थितियों में कांग्रेस फंसी हुई है। सभी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को एकजुट करना एवं सबको साथ लेकर चलना उनकी चुनौती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश अध्यक्ष के रूप में डा.उरांव का कार्यकाल उत्साह जनक रहेगा। हाई कमान के फैसले का स्वागत

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आशिक अंसारी ने कहा है कि डा.रामेश्वर उरांव को ऐसे समय में प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है जब विधान सभा का चुनाव बहुत निकट है। उन्होंने पार्टी हाईकमान के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि डा.उरांव में संगठन चलाने का अच्छा अनुभव है। सबों को साथ लेकर चलने की उनमें क्षमता है। उन्होंने डा.उरांव को बधाई दी है।


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