स्कूल में जगह की कमी, नामांकित छात्राओं को वापस भेजा घर
जारी : जारी प्रखंड बन गया लेकिन शिक्षा के मामले में जारी प्रखंड के विद्यालय अब भी डुमरी से सं
जारी : जारी प्रखंड बन गया लेकिन शिक्षा के मामले में जारी प्रखंड के विद्यालय अब भी डुमरी से संचालित और निर्देशित होते हैं। बच्चियों में आयी शिक्षा की जागरुकता का परिणाम यह हुआ की दो प्रखंडों की छात्राओं का नामांकन लेने के कारण कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय डुमरी में जगह की कमी हो गई। न पढ़ने के लिए कक्ष हैं और न ही रहने के लिए छात्रावास में कमरे ही उपलब्ध हैं। नतीजतन विद्यालय प्रबंधन को छठी ओर सातवीं की छात्राओं को घर वापस भेजना पड़ा। छात्राओं की घर वापसी एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। विद्यालय से वापस भेजी गई छात्राओं में आदिम जनजाति की 12 छात्राएं भी शामिल हैं। वैसे जारी प्रखंड के कुल 40 छात्राओं को घर भेजा गया है।
विद्यालय की वार्डेन कमला कुमारी का कहना है कि इनके आवासीय विद्यालय में डुमरी और जारी प्रखंडों से बच्चियों के नामांकन लिए जाने के कारण संख्या बढ़ गई है। कमरे की कमी पड़ गई है। अतिरिक्त सरकारी भवन की तलाश की जा रही है। अगर प्रशासन अतिरिक्त भवन उपलब्ध कराता है तो बच्चियों को वहां समायोजित किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग को आदेश जारी करना होगा। कस्तूरबा डुमरी का स्कूल भवन जर्जर हालत में है। जो बच्चियों यहां पढ़ाई कर रही है उन्हें कमरे के अभाव में जमीन पर बैठ कर पढ़ना पड़ रहा है। प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रवीण केरकेट्टा ने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से मामले का निष्पादन करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में उपायुक्त को विस्तृत प्रतिवेदन दिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी सुरेन्द्र पांडेय और जिला शिक्षा अधीक्षक गनौरी मिस्त्री ने डुमरी पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली। क्या कहते हैं बीईईओ
डुमरी के बीईईओ बलदेव प्रसाद कार कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है। सरकारी भवन की तलाश की जा रही है। शिक्षा के अधिकार से किसी को वंचित नहीं किया जा सकता है। नामांकन हुआ है तो पढ़ाई भी होगी।