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न गला मिलेंगे न हाथ मिलाएंगे, सलाम दुआ कर देंगे ईद की बधाई

संवाद सूत्रगुमला कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडउन के कारण इस वर्ष ईद उल फितर कसंवाद सूत्रगुमला कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडउन के कारण इस वर्ष ईद उल फितर क संवाद सूत्रगुमला कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडउन के कारण इस वर्ष ईद उल फितर क संवाद सूत्रगुमला कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडउन के कारण इस वर्ष ईद उल फितर क संवाद सूत्रगुमला कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडउन के कारण इस वर्ष ईद उल फितर।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 09:33 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 09:33 PM (IST)
न गला मिलेंगे न हाथ मिलाएंगे, सलाम दुआ कर देंगे ईद की बधाई
न गला मिलेंगे न हाथ मिलाएंगे, सलाम दुआ कर देंगे ईद की बधाई

संवाद सूत्र,गुमला : कोरोना संक्रमण के कारण लागू लॉकडउन के कारण इस वर्ष ईद उल फितर का त्योहार सादगी से मनाया जाएगा। ईद पर्व से एक माह पवित्र रमजान का होता है। रमजान माह में मुस्लिम धर्मावलंबी एक माह तक रोजा रखते हैं और पांच वक्त का नमाज अदा करते हैं। इस रमजान में भी लोगों ने रोजा रखे और पांच वक्त का नमाज भी अता किए लेकिन इस वर्ष के रमजान में अन्य वर्षों की तुलना में त्योहर का उत्साह कम रहा। इसका कारण कोरोना संक्रमण का वैश्विक महामारी है। यह देशव्यापी संकट है। देशव्यापी संकट के कारण इस बार का पर्व शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मनाने का निर्णय लिया गया है। अंजुमन में लिए गए निर्णय के अनुसार मस्जिदों में पांच लोग नमाज अता करेंगे। शेष लोग अपने-अपने घरों में सुविधा के अनुसार ईद का नमाज अता करेंगे और ईद का उत्सव मनाएंगे। नगर परिषद के उपाध्यक्ष मो.कलीम अख्तर, मो.इबरार, मो.फिरोज और मो.जावेद अख्तर ने कहा कि कोरोना संक्रमण वैश्विक महामारी है। इससे कोई भी व्यक्ति अछूता नहीं है। संक्रमण को रोकने से फैलने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया है। शारीरिक दूरी बनाकर ही संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। हमारा समाज जागरूक है। यही कारण है कि इस बार रमजान के माह में भी मस्जिद में नमाज अता नहीं किए। मस्जिद में मात्र पांचलोग नमाज अता करते आए हैं और ईद के दिन भी पांच लोग ही नमाज अता करेंगे। हमलोग अपने घरों में नमाज अता करेंगे। लॉकडाउन और शारीरिक दूरी का पालन करेंगे। ईद का नमाज अता कर देश को कोरोना संक्रमण से मुक्त करने के लिए अल्लाह तअल्ला से दुआ करेंगे। गुमला में अमन चैन की भी दुआ मांगेगे। नमाज अता के बाद गले मिलकर और हाथ मिलाकर ईद का बधाई देने की परंपरा रही है लेकिन इस बार शारीरिक दूरी के पालन के लिए न तो गला मिलेंगे और न ही हाथ मिलाएंगे। सलाम दुआ के साथ ईद का एक दूसरे को बधाई देंगे।

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