झारखंड: गुमला में पति का इलाज कराने के लिए नवजात को 10 हजार रुपये में बेचा Gumla News
गुमला के पुग्गु चम्पा नगर की एक महिला को अपने पति का इलाज कराने के लिए अपनी बच्ची को बेचना पड़ा। हालांकि इसके बाद महिला खुद भी बीमार हो गई और दो दिनों बाद उसकी मौत हो गई।
गुमला, जेएनएन। गरीबी से जूझ रहे लोगों के लिए बीमारी और उसका इलाज कितनी कठिन विपदा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गुमला के पुग्गु चम्पा नगर की एक महिला को अपने पति का इलाज कराने के लिए अपनी बच्ची को बेचना पड़ा। हालांकि इसके बाद महिला खुद भी बीमार हो गई और दो दिनों बाद उसकी मौत हो गई। महिला का पति अब भी गंभीर हालत में गुमला सदर अस्पताल में भर्ती है। बच्ची बेचने से मिले 10 हजार रुपये में थोड़े महिला के पति के इलाज में और बाकी पैसे महिला के श्राद्ध में खर्च हो गए। वृद्ध के इलाज के खर्च का सवाल अब भी ज्यों का त्यों बना हुआ है।
बताया जाता है कि पुग्गु चंपा नगर निवासी चरवा उरांव (55) जौंडिस और पेट में पानी भर जाने की समस्या से जूझ रहा है। चरवा के बड़े पुत्र विश्वनाथ उरांव ने बताया कि गरीब होने के बाद भी उसके परिवार को सरकारी सुविधाओं और योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। अस्पताल में सभी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं और बाहर से खरीदकर लाने के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं।
तात्कालिक तौर पर गांव के मुखिया बुधु टोप्पो ने दो हजार रुपये दिए थे और पिता चरवा उरांव को सदर अस्पताल में भर्ती करा दिया था। अब पैसे खत्म हो गए हैं। विश्वनाथ के अनुसार 22 अगस्त को उसकी मां जीवंती देवी को एक बेटी हुई थी। इसी बीच पिता बीमार थे तो मां ने 24 अगस्त को अपनी बच्ची को दूसरे महिला को गोद दे दिया। महिला ने इसके एवज में 10 हजार रुपये दिए। उसके बाद सदमे में आयी जीवंती भी अचानक बीमार हो गई और 26 अगस्त को सदर अस्पताल में ही उसकी मौत हो गई। गुमला की बीडीओ संध्या मुंडु गांव गई थी। उन्होंने मदद का आश्वासन दिया था।
चरवा उरांव के इलाज चल रहा है। उसका पानी निकाला गया गया है। उसने पडऩे वाली दवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। यदि अस्पताल में दवा उपलब्ध नहीं है तो खरीदकर देने का निर्देश दिया गया है। उपायुक्त का भी यही आदेश है। मामले को मैं देखवा रहा हूं कि कहां त्रुटि है। डॉ. सुखदेव भगत, सिविल सर्जन, गुमला।