निजी वाहनों में सफर करना पसंद कर रहे लोग
जागरण संवाददाता गुमला गुमला शहर में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के कारण निजी वाहनों में
जागरण संवाददाता, गुमला : गुमला शहर में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के कारण निजी वाहनों में ही सफर करना गुमलावासी पसंद कर रहे है। निजी वाहनों में सफर करने के कारण बसों में यात्रियों का अभाव हो गया है। बसों में आधी सीट में ही यात्री बैठ रहे है। जबकि आधी सीट खाली ही गंतव्य तक जा रही है। ऐसे में कोरोना का प्रभाव एक बार फिर से बस संचालकों पर पड़ने लगा है। इसी तरह पिछले वर्ष भी यात्रियों की संख्या बस में कम हो गई थी और फिर बसों परिचालन पर पाबंदी लग गई थी। कई माह के बाद दोगुना किराये में बसों का परिचालन शुरू हुआ था। लेकिन फिर से कोरोना संक्रमण का खतरा बस संचालकों व कर्मचारियों पर मंडराने लगा है। गुमला बस पड़ाव से करीब 150 बसों का परिचालन विभिन्न मार्गों पर प्रतिदिन हो रहा है।
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कोविड केयर सेंटर में 12 मरीज भर्ती गुमला कोविड केयर सेंटर में 12 कोरोना संक्रमितों का इलाज हो रहा है। जबकि ब्लॉक के स्वास्थ्य केंद्रों मे 34 मरीज भर्ती है। वहीं होम क्वारंटाइन सेंटर में तीन सौ कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है। जिले में कोरोना एक्टिव केसों की संख्या 465 है। जबकि प्रतिदिन 80 से 90 कोरोना संक्रमितों के नए मरीज मिल रहे है।
बाक्स अस्त व्यस्त हो गया है जनजीवन संवाद सूत्र,गुमला : एक ओर कोरोना संक्रमण का दहशत तो दूसरी ओर गर्मी के कारण बढ़ते तापमान से जन जीवन व्याकुल होने लगा है। बदलते मौसम में स्वास्थ पर प्रतिकूल असर आम बात हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण ने जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है। केस एक : करमटोली की 55 वर्षीय बधइन उरांव बुखार से तड़प रही थी। वह अपना इलाज के लिए अकेली ही पैदल सदर अस्पताल आ रही थी। डाक्टर कक्ष पहुंचने से पहले ही महिला अस्पताल परिसर में बेसुध पड़ी हुई थी। जिसे कोई न तो देखने वाला था और न ही कोई पूछने वाला। उसकी स्थिति देखकर पत्रकारों ने डीएस को सूचना दी। अस्पताल के कर्मचारी ने उसे अस्पताल लेकर इलाज कराया।
केस दो : रकमसेरा का 20 वर्षीय युवक कृष्णा उरांव अनाथ है। मां पिता का साया उठने के बाद वह गुमला में रहकर मजदूरी करता था और घुमन्तू जीवन व्यतीत करता था। शुक्रवार को थाना चौक में भूखे प्यासे बेसुध पड़ा हुआ था। मानवता का संदेश देते हुए समाजसेवी विनय उरांव और एच रहमान ने थाना चौक से उसे सदर अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सक ने भर्ती किया। उसका हिमोग्लोबीन कम है।