83 किसान मधुमक्खी पालन से जु़ड़कर कर रहे आय को दोगुना
जिले के 83 किसान मधुमक्खी पालन से
83 किसान मधुमक्खी पालन से जु़ड़कर कर रहे आय को दोगुना
जागरण संवाददाता, गुमला : कृषि विज्ञान केंद्र गुमला विकास भारती बिशुनपुर द्वारा विश्व मधुमक्खी दिवस पर कृषक संगोष्ठी एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में किया गया। डॉ संजय कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस के रूप में घोषित किया था। इसके बाद लगातार प्रत्येक वर्ष 20 मई को यह कार्यक्रम पूरे विश्व में मनाया जाता है। खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के मुताबिक मधुमक्खियों, पक्षियों और चमगादड़ों जैसे परागणकर्ता, दुनिया के 35 फीसदी फसलों के उत्पादन में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं जिससे उनके उत्पादन एवं उत्पादकता में 30 से 45 फीसद तक वृद्धि पाई जाती है।आज मधुमक्खियां, परागणक और कई अन्य कीट बहुतायत में घट रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र गुमला के वैज्ञानिक अटल बिहारी तिवारी बताया कि संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के आंकड़े बताते हैं कि जब खाद्य आपूर्ति श्रृंखला की वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात आती है तो मधुमक्खी और अन्य परागणक अमूल्य हैं। कृषि विज्ञान केंद्र गुमला विकास भारती बिशुनपुर मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है साथ ही साथ मधुमक्खी पालन से ग्रामीण युवाओं को जोड़ने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं जैसे आर्या परियोजना के अंतर्गत जिले के विभिन्न प्रखंडों के 83 किसान मधुमक्खी पालन के साथ जोड़कर अपनी आय को दोगुना कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक सुनील कुमार, डॉक्टर निशा तिवारी, एनो राई सुभयन दास, बसंत बढ़ाई , जयराम उरांव , महावीर उरांव , दुर्गे कुमारी, हीरा, मुन्नी कुमारी के साथ-साथ 45 किसानों ने भाग लिया।