सिर्फ छले जा रहे हैं टाना भगत
संवाद सहयोगी गुमला टाना भगतों ने आजादी की लड़ाई में गांधीवादी विचाराधारा के साथ न केवल
संवाद सहयोगी, गुमला : टाना भगतों ने आजादी की लड़ाई में गांधीवादी विचाराधारा के साथ न केवल खड़े हुए बल्कि अंग्रेजी हुकूमत का विरोध भी किया था। इसका परिणाम हुआ कि इनकी जमीन छिन गई। आजादी के बाद भी जमीन वापसी के लिए टाना भगत प्रयासरत रहें और अब उनके वंशज भी जमीन के लिए संघर्षरत हैं। अंग्रेजों द्वारा उनकी छिनी ही हुई जमीन देश की आजादी के बाद भी उन्हें नहीं मिल पाई। अब टाना भगत प्रशासनिक उपेक्षा के कारण छले जा रहे हैं। सरकार द्वारा टाना भगतों के विकास के लिए टाना भगत विकास प्राधिकार का गठन किया गया है।
गुमला जिला में टाना भगतों के लिए टाना भगत सभागार का निर्माण किया जाना है। जिला प्रशासन द्वारा सभागार का निर्माण के लिए पुगु में जिस भूमि का आवंटन किया गया है उस भूमि पर ग्रामीण पूर्व से पूजा-पाठ करते आ रहे हैं। निर्माण से पूर्व ही ग्रामीणों ने निर्माण कार्य का विरोध शुरु कर दिया है।
ग्रामीणों के विरोध के कारण अब पुगु में सभागार का निर्माण नहीं होगा। अब टाना भगत सभागार के निर्माण के लिए दूसरा भूमि उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं। टाना भगत सभागार निर्माण के लिए राज्यस्तरीय टाना भगत विकास प्राधिकार द्वारा न केवल भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है बल्कि प्राक्कलित राशि 31लाख 12 हजार 500 रुपये के विरुद्ध 1556250 रुपये राशि विमुक्त भी कर दिया गया है। अखिल भारतीय टाना भगत विकास परिषद प्रशाखा गुमला द्वारा अंचल अधिकारी गुमला को पत्र देकर जिला मुख्यालय कार्यालय परिसर में ही भवन निर्माण उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। परिषद के अध्यक्ष घूमा टाना भगत, जनार्दन टाना भगत, बुधनाथ टाना भगत आदि ने बताया कि अब वे उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा ऐसा भूमि का आवंटन किया गया जहां भवन का निर्माण संभव नहीं है। अब दूसरे स्थान पर भूमि का आवंटन भी नहीं किया जा रहा है।