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समाज के विकास को कार्तिक उरांव के आदर्शो को अपनाने की जरूरत

जाटी गुमला स्व. कार्तिक उरांव की जयंती के जिले भर में उनके तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हे

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 08:19 PM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 08:19 PM (IST)
समाज के विकास को कार्तिक उरांव के आदर्शो को अपनाने की जरूरत

जाटी, गुमला: स्व. कार्तिक उरांव की जयंती के जिले भर में उनके तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हे श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। गुमला प्रखंड के फोरी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व जिला परिषद के सदस्य हंदू भगत ने कहा कि समाज का विकास करना है तो नशा पान एवं सामाजिक कुरीतियों को उखाड़ फेंके। सामाजिक कुरीति, नशा पान, अंधविश्वास के कारण हमारा समाज पतन की ओर जा रहा है। जबकि समाज का उत्थान के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। भगत ने स्व. कार्तिक उरांव की जयंती समारोह में स्कूल के विद्यार्थी एवं अभिभावक के साथ ही शिक्षक-शिक्षिकाओं को देश और समाज के चहुंमुखी विकास के लिए कार्य करने का संकल्प कराया। मौके पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रमोद कुजुर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए स्वर्गीय कार्तिक उरांव के आदर्शो को अपनाकर समाज के विकास के लिए कार्य करने का आग्रह विद्यार्थियों एवं क्षेत्र के लोगों से किया। इस अवसर पर बुसरा नाज, प्रीति कुमारी ,रूपश्री उरांव सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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प्रखंडों में भी जयंती पर याद किए गए कार्तिक उरांव

घाघरा प्रखंड कायार्लय परिसर में शुक्रवार को कार्तिक उरांव की जयंती मनायी गई। इस अवसर पर राजनीतिक, सामाजिक एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों ने कार्तिक उराव के मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देने वालों में कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष अरुण कुमार पांडेय, भाजपा नेता सह जिप सदस्य तेंबू उरांव, जिला कार्यकारी अध्यक्ष कृष्णा कुमार लोहरा, गंदुर महली, नसीम अंसारी, अंगनु महतो, रवि पहान, कुंवर राम मोची, कामाख्या भगत, चंद्रशेखर भगत, संजय टाना भगत, राजेश उरांव आदि उपस्थित थे।

डुमरी में सरहुल पूजा समिति ने स्व. कार्तिक उरांव की जयंती डुमरी सरना स्थित धुमकुडिया भवन में शुक्रवार को मनाया गया। सरना धर्मावलंबियों द्वारा स्व. कार्तिक उरांव के चित्र पर फूल व माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। मौके पर समिति के अध्यक्ष जगरनाथ भगत ने बताया कि साहेब पंखराज स्व. कार्तिक उरांव आदिवासियों के मसीहा थे। वे सादा जीवन उच्च विचार एवं महान व्यक्तित्व के मालिक थे हमें उनके विचारों व कार्यों का अनुसरण करना चाहिए। आगे कहा कि उन्होंने आदिवासियों के विकास के लिए कई तरह के सराहनीय कार्य किये। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे दस वर्षों तक विदेश में रहे, स्वदेश लौटने के बाद इंजीनियर के रूप में देश सेवा के लिए कई काम किये। उन्होंने ही आदिवासियों के विकास के लिए अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद् समिति का भी गठन किया था। जिसके माध्यम से केन्द्र सरकार आदिवासियों के लिए फंड उपलब्ध कराती है गुमला स्थित स्व. कार्तिक उरांव महाविद्यालय उन्हीं के यादगार में स्थापित किया गया है जहां हजारों की संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। मौके पर बिरेंद्र भगत, श्रीराम उरांव, सुरेश उरांव, इन्द्रजीत भगत, जून उरांव, अनिल भगत, सुखमुनी देवी,प्रीति देवी आदि थे

रायडीह में पंखराज साहेब कार्तिक उरांव आदिवासी स्वायतशासी विश्वविद्यालय निर्माण समिति द्वारा शुक्रवार को शंख मोड़ मांझा टोली में कार्तिक उरांव के प्रतिमा पर उनके जन्म पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। तत्पश्चात कार्तिक उरांव अमर रहे अमर रहे, धरती माता की जय, चाला आयंग, वंदे मातरम का जय जयकार किया गया। इस मौके पर समिति के संयोजक सह पूर्व विधायक शिव शंकर उरांव, सचिव जगनारायण सिंह, उपाध्यक्ष पुनीत लाल, कोषाध्यक्ष मांगू उरांव, लखन प्रसाद सिंह, योगेन्द्र सिंह,अमरेश कुमार झा, फागू राम उरांव, देवेंद्र उरांव, चुइया कुजूर, गोविद रजक, सच्चिदानंद पांडा, संजय कुमार सिंह,प्रेम प्रसाद, अशरफ राय लालो, मो उमर कैश, शंखू उरांव आदि शामिल उपस्थित थे।


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