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सभी प्रखंडों में पांच-पांच सोलर आधारित कोल्ड स्टोरेज रूम का होगा निर्माण

जागरण संवाददाता गुमला जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट मद (डीएमएफटी) अंतर्गत प्रबंधकीय समिति एव

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 07:52 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 07:52 PM (IST)
सभी प्रखंडों में पांच-पांच सोलर आधारित कोल्ड स्टोरेज रूम का होगा निर्माण

जागरण संवाददाता, गुमला : जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट मद (डीएमएफटी) अंतर्गत प्रबंधकीय समिति एवं न्यास परिषद की बैठक उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में आईटीडीए भवन सभागार में की गई। वर्तमान वित्तीय वर्ष में कार्यान्वयन हेतु समिति के सदस्यों से प्राप्त योजनाओं यथा जिले के 50 अति खनन प्रभावित ग्रामों में सोलर आधारित पेयजलापूर्ति की योजना प्रति ग्राम 03-03 अदद की दर से एवं सोलर आधारित स्ट्रीट लाईट प्रति ग्राम 05-05 अदद की दर से तथा शेष 43 आंशिक रूप से खनन प्रभावित ग्रामों में सोलर आधारित पेयजलापूर्ति की योजना प्रति ग्राम 02-02 अदद की दर से एवं सोलर आधारित स्ट्रीट लाईट प्रति ग्राम 05-05 अदद की दर से किए जाने का प्रस्ताव, जिले के सभी प्रखंडों में 05-05 अदद सोलर आधारित कोल्ड स्टोरेज रूम का निर्माण, 491 आंगनबाड़ी कंद्र भवनों के मरम्मति एवं मॉडल आंगनबाड़ी कंद्र के रूप में विकसित करने, सभी प्रखंडों में 05-05 अदद सोलर आधारित कोल्ड स्टोरेज रूम के निर्माण, ग्रामीण विकास विभाग रांची के द्वारा सोलर आधारित मिनी वाटर सप्लाई हेतु प्राप्त प्राक्कलन के आधार पर गुमला जिले के लिए भौगोलिक संरचना के आलोक में कार्यपालक अभियंता ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल गुमला द्वारा तैयार तकनीकी स्वीकृत प्राक्कलन 617240.00 को मॉडल प्राक्कलन के रूप में स्वीकृति हेतु समिति द्वारा विचारोपरांत अनुमोदित किया गया।

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उपायुक्त द्वारा जिले में जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट मद के तहत योजनाओं की स्वीकृति के संबंध में विभागीय निदेश से सभी संबंधित सदस्यों को अवगत कराते हुए बताया गया कि जिले में 93 में से 50 ऐसे गांव हैं जो पूर्ण रूप से खनन प्रभावित हैं। वहीं शेष 43 आंशिक रूप से खनन प्रभावित ग्राम हैं। जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट के अंतर्गत प्राप्त मार्गनिर्देश के अनुसार खनन प्रभावित क्षेत्रों में आवासित नागरिकों के लिए उपलब्ध संसाधन का 60 प्रतिशत पेयजलापूर्ति पर्यावरण सुधार तथा प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य, शिक्षा, आंगनबाड़ी केंद्र के कल्याणार्थ योजनाओं से संबंधित कार्य कराए जाने हैं। इसके अतिरिक्त अन्य प्रभावित क्षेत्रों में 40 प्रतिशत राशि भौतिक संरचना सिचाई, ऊर्जा एवं जल संरक्षण विकास एवं अन्य योजनाओं पर व्यय किए जाने हैं।


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