Move to Jagran APP

हिलोरे मार रही हैं स्मृतियां, गूंज रही है आंदोलनकारियों की आवाजें

जागरण संवाददाता गुमला तीन दशक गुजर गए लेकिन राम भक्तों द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए ि

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 10:02 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 06:18 AM (IST)
हिलोरे मार रही हैं स्मृतियां, गूंज रही है आंदोलनकारियों की आवाजें
हिलोरे मार रही हैं स्मृतियां, गूंज रही है आंदोलनकारियों की आवाजें

जागरण संवाददाता, गुमला : तीन दशक गुजर गए लेकिन राम भक्तों द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए किए गए आंदोलन और सुने गए नेताओं के भाषण की आवाजें अब भी उनके कानों में गूंज रही है। हिलोरे मार रही स्मृतियों का आलम यह है कि जिला बदर होकर प्रताड़ित होने वाले आंदोलनकारी अपने एलबम के पन्ने पलटने लगे हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए जन समर्थन जुटाने और माहौल बनाने के लिए वर्ष 1990 से लेकर 1992 के बीच विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कद्दावर नेताओं का जनजातीय बहुल क्षेत्र में आगमन हुआ था। उनकी सभाएं हुई थी। उन नेताओं के स्वागत करने वालों और उनकी सभा को सफल बनाने की कोशिश करने वाले गुमला के रामभक्तों का कहना है कि वह क्षण अब उनके लिए अतीत का गौरव बन चुका है। अखौरी निरंजन कृष्ण उर्फ नीरु बाबू की अध्यक्षता में उस समय के विश्व हिन्दू परिषद के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिघल की गुमला में सभा हुई थी। सभा को सफल बनाने के लिए अधिवक्ता रविन्द्र कुमार सिंह, मांझाटोली के मनमोहन प्रसाद गुप्ता आदि ने दिन रात एक किया था। अधिवक्ता रविन्द्र कुमार सिंह का कहना था कि राम मंदिर निर्माण का सपना देखने, माहौल बनाने की उन्होंने जो जिला बदर की सजा पायी थी वह अब वरदान साबित हो गयी है। अयोध्या में बुधवार को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब भूमि पूजन किया तब उस समय के सजा और त्याग का मूल उन्हें मिल गया। रविन्द्र के अनुसार गुमला जिला में राम मंदिर निर्माण का माहौल बनाने के लिए साध्वी ऋतंभरा और जशपुर के राजा दिलीप सिंह जूदेव, विनय कटियार और अयोध्या में राम मंदिर के लिए पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल, विश्व हिदू परिषद के महामंत्री रहे प्रवीण तोगाड़िया, साध्वी उमा भारती भी यहां सभा करने आए थे। अधिवक्ता और उस समय के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता राकेश कुमार वर्मा, वर्तमान जिला भाजपा के अध्यक्ष और उस समय के परिषद कार्यकर्ता अनूप चन्द्र अधिकारी कहते हैं कि साध्वी ऋतंभरा के भाषण में ओज और आकर्षण था। धारा प्रवाह भाषण देकर साध्वी ऋतंभरा ने नागवंशियों की धर्म धानी में भगवान शिव और राम भक्त हनुमान के जन्म स्थली का हवाला देकर राम मंदिर के पक्ष में माहौल बनाया था। उसे भुलाया नहीं जा सकता।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.