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बाहरी खिलाड़ियों को जगह देने से दम तोड़ रही है स्थानीय प्रतिभाएं

झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ने गुमला के स्थानीय खिलाड़ियों की प्रतिभा को कुंद करने की साजिश करने का आरोप गुमला जिला क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर लगाया है। रविवार को रौनियार धर्मशाला में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रवीण कुमार सिंह ने यह आरोप लगाया। कहा कि राज्य की टीमों में बाहरी खिलाड़ियों को शामिल करना कोई नई बात नहीं है। इसे लेकर कई बार विवाद भी हुआ। आरोप प्रत्यारोप भी लगाए गए लेकिन हद तो तब हो गई जब जेसीए के अध्यक्ष और गुमला जिला क्रिकेट एसोसिएशन के बीस वर्षों से सचिव रहे कुलदीप सिंह के गृह जिला में अंडर-19 की टीम में मात्र दो खिलाड़ियों को जगह दिया गया

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 09:48 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 09:48 PM (IST)
बाहरी खिलाड़ियों को जगह देने से दम तोड़ रही है स्थानीय प्रतिभाएं
बाहरी खिलाड़ियों को जगह देने से दम तोड़ रही है स्थानीय प्रतिभाएं

गुमला : झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ने गुमला के स्थानीय खिलाड़ियों की प्रतिभा को कुंद करने की साजिश करने का आरोप गुमला जिला क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर लगाया है। रविवार को रौनियार धर्मशाला में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रवीण कुमार सिंह ने यह आरोप लगाया। कहा कि राज्य की टीमों में बाहरी खिलाड़ियों को शामिल करना कोई नई बात नहीं है। इसे लेकर कई बार विवाद भी हुआ। आरोप प्रत्यारोप भी लगाए गए लेकिन हद तो तब हो गई जब जेसीए के अध्यक्ष और गुमला जिला क्रिकेट एसोसिएशन के बीस वर्षों से सचिव रहे कुलदीप सिंह के गृह जिला में अंडर-19 की टीम में मात्र दो खिलाड़ियों को जगह दिया गया। बाकी खिलाड़ी दूसरे राज्यों के हैं। अभी जमशेदपुर में अंतर जिला अंडर-19 क्रिकेट प्रतियोगिता में गुमला की टीम खेल रही है जिसमें 15 सदस्य शामिल हैं। उनमें से आठ खिलाड़ी दिल्ली के, चार खिलाड़ी उत्तर प्रदेश से, दो खिलाड़ी बिहार के शामिल हैं। उन्होंने हैरत व्यक्त करते हुए कहा कि जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष डा.अरुण उरांव का यह तर्क की क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए बाहरी खिलाड़ियों का सहारा लेना पड़ रहा है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर गुमला के खिलाड़ियों को उभरने का मौका कब दिया जाएगा। जब जेसीए के अध्यक्ष के गृह जिला में ही क्रिकेट को बढ़ावा नहीं मिलेगा। खिलाड़ियों को ही प्रशिक्षण देने और तरासने का काम नहीं किया जाएगा तब यहां के होनहार क्रिकेटर क्रिकेट को अपना करियर कैसे बनाएंगे। उन्होंने सवाल किया कि यह स्थिति एक जिला की नहीं है। रांची में अंडर-19 खेल चुके सलाउद्दीन युसुफ, विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व कर चुके विजय यादव और नवनीत झा का नाम पंद्रह खिलाड़ियों के टीम में शामिल था फिर उन खिलाड़ियों को टीम मे जगह नहीं दी गई। बहाना बनाया गया कि स्थानीय खिलाड़ियों के अभिभावकों के हस्तक्षेप होना है। जमशेदपुर में चयन कर्ता आशीष सिन्हा थे। टीम में वैसे खिलाड़ियों को शामिल किया गया जिनका अंतिम 40 में नाम नहीं था। उन्होंने बीसीसीआइ के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि जिला टीम में वैसे खिलाड़ियों का चयन होना है जिनका जन्म संबंधित जिला में हुआ हो। अगर इनके पिता ट्रांसफर उस जिला में हुआ हो। संबंधित जिला के कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हों या नौकरी कर रहें हों। उन्होंने गुमला अंडर-19 टीम में शामिल खिलाड़ियों की सूची जारी करते हुए कहा कि दिल्ली के मुकेश कुमार, मनीष गौड़, अभिनव गौड़, सुमित कुमार, सोनू कुमार, शिवा सिंह और अक्षत नामदेव, बिहार के कुंदन पांडेय और राकेश कुमार साहु, उत्तर प्रदेश से अखिल कुमार, अभिषेक आर्या, शक्ति सिंह और सागर ढींगरा को शामिल किया गया है जबकि गुमला से मात्र ऋषभ सिंह और आकाश कुमार को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि हैरत की बात यह भी है कि हमारे जन प्रतिनिधि स्थानीय प्रतिभाओं को उभारने के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। इस अवसर पर तेंबू उरांव, राजेन्द्र साहु, प्रकाश रंजन, अनिल कुमार भगत, अजय कुमार सिंह, परेमश्वर साहु और मुकेश कुमार साहु भी उपस्थित थे।

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