धरना में बैठे स्वास्थ्यकर्मियों में सीएस के खिलाफ बढ़ रहा है आक्रोश
गुमला स्वास्थ्य विभाग शीर्ष 2211 में कार्यरत कर्मचारियों को पिछले दस माह से वेतन नहीं मिला है। समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण इन कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। अब तो उनके ऊपर जीविकोपार्जन की भी समस्या आ गई है। उनके सामने बच्चों का स्कूल फी और बिजली बिल जमा करने की समस्या आ गई है। कई स्वाथ्यकर्मी अपने गंभीर बीमारी का इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं। परिवार के जीविकोपार्जन पर आ रही समस्या को देखते हुए कर्मचारियों में आक्रोश है और सबसे अधिक आक्रोश सीएस के खिलाफ बढ़ रहा है। इसका कारण यह है कि स्वास्थ्य कर्मी पिछले 14 जनवरी से सीएस कार्यालय के समक्ष धरना प
गुमला : गुमला स्वास्थ्य विभाग शीर्ष 2211 में कार्यरत कर्मचारियों को पिछले दस माह से वेतन नहीं मिला है। समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण इन कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। अब तो उनके ऊपर जीविकोपार्जन की भी समस्या आ गई है। उनके सामने बच्चों का स्कूल फी और बिजली बिल जमा करने की समस्या आ गई है। कई स्वास्थ्यकर्मी अपने गंभीर बीमारी का इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं। परिवार के जीविकोपार्जन पर आ रही समस्या को देखते हुए कर्मचारियों में आक्रोश है और सबसे अधिक आक्रोश सीएस के खिलाफ बढ़ रहा है। इसका कारण यह है कि स्वास्थ्य कर्मी पिछले 14 जनवरी से सीएस कार्यालय के समक्ष धरना पर बैठ हैं और आज तीन दिन के बीत जाने के बाद भी सीएस अपने कर्मियों का हाल चाल लेने तक मुनासीब नहीं समझ रहे हैं। धरना पर बैठे स्वास्थ्य कर्मियों को झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ और झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का भी समर्थन मिलने लगा है। धरना में महासंघ के सचिव भूषण कुमार, चिकित्सा संघ के जिला सचिव जीतवाहन उरांव, रामनरेश ¨सह, पदमिनी कुमारी, किरण कुमारी, रामकृष्ण मंडल, फुलझरी भगत, सीताराम मुंडा, संतोष बेदिया, सुरेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी, बीजेंद्र कुमार बागे, हरिदास राम, रामाधार राम, रंजना सिन्हा, सुनीता कुमारी, विमला सुदामा, भूखली कुमार आदि शामिल हैं।