बहनों ने करी भाइयों के दीर्घायु होने की कामना
भाई - बहन के प्यार का प्रतीक भैया दूज का पर्व हर्षेल्लास मनाया गया। बहनों ने अपने भाइयों को तिलक लगाकर उन्हें सूखा नारियल देकर उनकी लंबी उम्र की कामना की। बदले में भाईयों ने बहन की रक्षा का वचन दिया। भैया दूज का पर्व पिछले कई वर्षों से मनाने वाली तनु ने बताया कि त्?योहार भाई-बहन के अपार प्रेम और समर्पण का प्रतीक है।
गुमला : भाई-बहन के प्यार का प्रतीक भैया दूज का पर्व हर्षोल्लास मनाया गया। बहनों ने अपने भाइयों को तिलक लगाकर उन्हें सूखा नारियल देकर उनकी लंबी उम्र की कामना की। बदले में भाईयों ने बहन की रक्षा का वचन दिया। भैया दूज का पर्व पिछले कई वर्षों से मनाने वाली तनु ने बताया कि त्योहार भाई-बहन के अपार प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने भाइयों को घर पर आमंत्रित कर उन्हें तिलक लगाकर भोजन कराती हैं। एक ही घर में रहने वाले भाई-बहन इस दिन साथ बैठकर खाना खाते हैं। मान्यता है कि भाई दूज के दिन अगर भाई-बहन यमुना किनारे बैठकर साथ में भोजन करें तो यह अत्यंत मंगलकारी और कल्याणकारी होता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भैया दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को'यम द्वितीया'और'भ्रातृ द्वितीया'भी कहा जाता है। रक्षाबंधन के बाद भैया दूज दूसरा ऐसा त्योहार है जिसे भाई-बहन बेहद उत्साह के साथ मनाते हैं। जहां, रक्षाबंधन में भाई अपनी बहन को सदैव उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं । वहीं भैया दूज के मौके पर बहन अपने भाई की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती है।
इस दिन मृत्यु के देवता यम की पूजा का भी विधान है। परंपरा के अनुसार बहनों ने गोधन कूटा तथा भाइयों के चिरंजीवी होने की कामना की। शहर के अलावा गांवों में भी भैया दूज मनाया गया।