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डायन-बिसाही में दंपती की हत्या में चार को सश्रम आजीवन कारावास

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By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 08:42 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 08:42 PM (IST)
डायन-बिसाही में दंपती की हत्या में चार को सश्रम आजीवन कारावास
डायन-बिसाही में दंपती की हत्या में चार को सश्रम आजीवन कारावास

गुमला: एडीजे प्रथम लोलार्क दूबे की अदालत ने डायन-बिसाही के आरोप में दंपती की हत्या का आरोप सिद्ध होने पर डुमरी थाना क्षेत्र के करनी निवासी सहरोली मुंडाइन, मंगरीता कुमारी, बालकु मुंडा व रामकेश्वर मुंडा को भादवि 302-34 में सश्रम आजीवन कारावास व 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर एक वर्ष का सश्रम कारावास की अतिरक्त सजा भुगतनी होगी। इसके अलावा डायन बिसाही निषेध अधिनियम के तहत एक माह का सश्रम कारावास एवं धारा चार के तहत चार माह का सश्रम कारावास की सजा भी सुनाई गई है। अदालत ने चार लाख रुपया मृतक के आश्रित सुमंती कुमारी, सुगंती कुमारी, अंदती कुमारी, जीवंती कुमारी व पुत्र कृष्णा को देने की भी अनुशंसा की है। अदालत ने आश्रितों के पुनर्वास की भी अनुशंसा की है। घटना 17 मार्च 2017 की है।

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डुमरी के करनी गांव निवासी बुधराम मुंडा व उसकी पत्नी हीरमईत मुंडाइन की हत्या डायन-बिसाही के शक में कर दी गई थी। मृतक के भाई प्रभु लकड़ा के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उसमें बताया गया था कि बालकु मुंडा का पुत्र दीपक मुंडा पागल हो गया था। बालकु मुंडा व उसका परिवार ने मृतक की पत्नी को डायन बता दीपक को ठीक करने को काह था। जब बालकु का बेटा दीपक का पागलपन ठीक नहीं हुआ तब बालकु मुंडा, उसकी पत्नी सेरोली मुंडाईन, बेटा रामकेश्वर मुंडा व बेटी मंगरीता कुमारी ने मिलकर दंपती की हत्या कर दी थी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक चंपा कुमारी जबकि बचाव पक्ष की ओर से तापस लाल ने पैरवी की।


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