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हरे वृक्षों की कटाई की जांच करने डीएफओ पहुंचे भरनो

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By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 09:25 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 09:25 PM (IST)
हरे वृक्षों की कटाई की जांच करने डीएफओ पहुंचे भरनो
हरे वृक्षों की कटाई की जांच करने डीएफओ पहुंचे भरनो

भरनो : भरनो प्रखंड मुख्यालय से परबल गांव तक बनने वाली 22 करोड़ रुपये की लागत से 13 किलोमीटर की लंबी सड़क निर्माण में वन भूमि से मिट्टी काटने और हरे वृक्षों की कटाई करने की मिली शिकायत की जांच करने के लिए गुमला वन प्रमंडल के डीएफओ श्रीकांत अपने कनीय अधिकारियों के साथ गुरुवार को मारासीली जंगल पहुंचे। डीएफओ को यह शिकायत मिली थी कि सड़क निर्माण कराने वाली कंपनी मेसर्स सतीश प्रसाद कंस्ट्रक्शन द्वारा दो दर्जन से अधिक हरे भरे पेड़ों की कटाई करवायी गई है। बताते चलें कि दैनिक जागरण ने छह दिसंबर के अंक में इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। मारासीली और महुगांव स्थित वन भूमि की जेसीबी से मिट्टा का कटाव कराया जा रहा है। डीएफओ के साथ रेंजर जोन रोबर्ट तिर्की, वनपाल लखेन्द्र सोलंकी आदि भी वहां पहुंचे और स्थल का निरीक्षण किया। इस सड़क निर्माण का शिलान्यास केन्द्रीय जनतातीय मामलों के राज्य मंत्री सुदर्शन भगत, विधान सभा अध्यक्ष डा.दिनेश उरांव और राज्य सभा सदस्य समीर उरांव ने संयुक्त रूप से किया था। शिलान्यास के समय इन नेताओं ने संवेदक को सरकाराी नियमानुसार सड़क निर्माण कराए जाने का निर्देश दिया था। डीएफओ को यह भी शिकायत मिली थी कि मारासीली के अलावे सरगांव और जिरहुल में भी हरे भरे पेड़ों की कटाई हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संदेवक ने हरे पेड़ों को काटने के लिए न तो उन्हें कोई सूचना दी और न ही उनके विभाग से अनुमति ली। डीएफओ ने कहा कि अमीन से जमीन की मापी करायी जाएगी। उसके बाद ही यह तय होगा कि जमीन वन विभाग की है या नहीं। यदि वन विभाग की होगी तो वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। डीएफओ ने उच्च न्यायालय के निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि निर्माण कार्य में जितने पेड़ों की कटाई होगी, उससे पांच गुना अधिक पेड़ लगाने का प्रावधान है। मामले की बारीकि से जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कोई कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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