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तेली समाज की सीएम को धमकी, अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं तो वोट नहीं; रघुवर ने कही ये बात

CM Raghubar Das in Gumla. तेली समाज को अनुसूचित जन जाति का दर्जा नहीं मिलने पर मतदान नहीं करने की धमकी का सीएम रघुवर दास ने जवाब दिया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 06:56 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 07:18 PM (IST)
तेली समाज की सीएम को धमकी, अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं तो वोट नहीं; रघुवर ने कही ये बात

गुमला, जागरण संवाददाता। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम में छोटनागपुरिया तेली उत्थान समाज के 19वें वार्षिक जतरा सह सामूहिक विवाह कार्यक्रम में तेली समाज के नेता द्वारा लोक सभा चुनाव के पूर्व छोटानागपुरिया तेली को अनुसूचित जन जाति का दर्जा नहीं मिलने पर मतदान नहीं करने की धमकी का जवाब देते हुए कहा कि रघुवर सरकार किसी धमकी के आगे नहीं झुकेगी। हम धमकी के सामने झुकने वाले नहीं हैं। आपकी मांग भले ही पुरानी है, लोकतंत्र में मांग रखने का अधिकार सबको है। धरना प्रदर्शन करें। धमकी न दें। लोकतंत्र में धमकी नहीं दी जाती।

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मुख्यमंत्री ने कहा यह बात सही है कि हमें समाज को शक्तिशाली बनाने और सामाजिक एकत्रीकरण करने के लिए वार्षिक जतरा का आयोजन किया गया है। समाज के कारण ही हम सब वर्तमान स्थिति में खड़े हैं। यदि समाज नहीं होता तो मैं भी मुख्यमंत्री नहीं बनता। अधिकारी और नेता नहीं होते। समाज के बल से व्यक्ति बढ़ता है और नेतृत्व करता है। समाज से ही ताकत मिलती है और इसी के बल पर राज्य के मुख्य सेवक बनें हैं। लेकिन यह क्या बात हुई कि मांग पूरी नहीं होगी तो वोट नहीं डालेंगे। तेली समाज के नेता इस बात पर हमें आपत्ति है। लोकतांत्रिक ढंग से आप मांग रखें। एक-एक वोट की कीमत होती है। एक-एक वोट के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भगवान बिरसा मुंडा और सिद्धू कान्हु ने अधिकार की लड़ाई लड़ी थी। बापू ने त्याग किया और झारखंड के अनगिनत योद्धाओं ने अपनी शहादत दी थी। वोट नहीं डालना लोकतंत्र का अपमान भी है। इसलिए वोट दें।

उन्होंने कहा कि कुर्बानी देकर वोट देने का अधिकार दिलाया गया है। मांग पूरी करने की एक प्रक्रिया भी होती है। सरकार आपकी मांगों के प्रति गंभीर है। तेली समाज के केंद्रीय अध्यक्ष उदासन नाग ने मुख्यमंत्री के समझ भाषण देते हुए कहा कि लोक सभा चुनाव के पहले तेली जाति को अजजा का दर्जा नहीं मिला तो उनका समाज वोट नहीं डालेगा। उसी के जवाब में मुख्यमंत्री ने अपनी और सरकार की मंशा का भी खुलासा किया। कहा कि टीआरआई की रिपोर्ट आने के बाद बिना विलम्ब कैबिनेट की मंजूरी ले तेली को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। 


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