मंत्री के सामने खुली व्यवस्था की पोल
गोड्डा : सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग विभाग द्वारा शुक्रवार को नगर भवन में आयोजित कार्यक्रम में व्यव
गोड्डा : सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग विभाग द्वारा शुक्रवार को नगर भवन में आयोजित कार्यक्रम में व्यवस्था की पोल उस समय खुल गई जब केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती बुनकरों से रू-ब-रू हुईं। इस दौरान मंत्री ने भगैया के बुनकर देवी से उसकी समस्याओं के बारे में पूछा। मंत्री ने पूछा-व्यवस्था के बदलाव से फायदा हुआ। इसपर देवी ने कहा- हां मुझे डेढ़ साल पहले लोन मिला। मंत्री ने पूछा-लोन लेने में कितना समय लगा? बुनकर देवी ने कहा- इसमें चार से पांच माह लग गए। पुन: मंत्री ने पूछा-लोन का ब्याज चुकाने में क्या परेशानी हो रही है? देवी ने कहा-उन्हें बैंक को 10.5 फीसद की दर से ब्याज चुकाना पड़ता है जो काफी अधिक है। जबकि सरकार द्वारा लगातार यह कहा जाता है कि बुनकरों को मात्र छह फीसद ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जब बैंक अधिकारियों को ये बात कही जाती है तो उन्हें जवाब मिलता है-सरकार के कहने से वे ब्याज दर कम नहीं लेंगे। इस मामले पर मंत्री उमा भारती ने पास ही खड़े स्थानीय सांसद डॉ. निशिकांत दुबे को कहा कि आप तो संसद के वित्त संबंधी मामलों के सदस्य भी हैं। ऐसे में आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही कहा कि वे खुद जब दिल्ली जाएंगी तो इस मामले को अपने स्तर से देखेंगी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने एक महिला बुनकर से उसकी आय के बारे में पूछा। इसपर महिला का कहना था कि वह प्रत्येक दिन सौ रुपया तक कमा लेती है। उसने अनुदानित दर पर कोकून की उपलब्धता सुनिश्चित करने की भी मांग की। हालांकि, मात्र सौ रुपया प्रतिदिन कमाने के संबंध में झारक्राफ्ट के अधिकारियों का कहना था कि चूंकि महिला पार्ट टाइम ही काम करती है इसलिए वह मात्र सौ रुपया ही कमा पाती है। अगर वह फुल टाइम काम करे तो उसकी आय अधिक होगी। इस दौरान महागामा विधायक अशोक कुमार ने भी बुनकरों की दयनीय स्थिति की चर्चा की। कहा कि जिले में कोकून बैंक बनाने की बात हुई थी जिसका अब तक कोई अता-पता नहीं है। उन्होंने कहा कि अनुदानित कोकून सीधे बुनकरों को मिलना चाहिए। इसमें बिचौलिया प्रथा बंद करने की वकालत की। इसपर केंद्रीय मंत्री ने भी सहमति जताई। विधायक ने कहा कि वे लंबे समय से कम दर पर बुनकरों को ऋण उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं। गौरतलब हो कि जिले के बुनकरों की समस्याओं को दैनिक जागरण ने पिछले दिनों प्रमुखता से उठाया था। लगातार पांच दिनों तक इस संबंध में खबर प्रकाशित हुई थी जिसके बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और बुनकरों की सुध ली।