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सुखाड़ का आकलन कर मुख्यालय लौटी टीम

अल्पवृष्टि की वजह से राज्य में धानरोपनी की स्थिति अत्यंत खराब है। सूखे की आकलन को लेकर राज्यस्तरीय टीम गोड्डा पहुंची थी। टीम की अगुवाई कर रहे संयुक्त निदेशक ने कहा कि फसल की भारी क्षति हुई है। किसानों को मदद की आवश्यकता है सरकार को जल्द रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

By Vidhu VinodEdited By: Gautam OjhaPublished: Sat, 10 Sep 2022 06:09 PM (IST)Updated: Sat, 10 Sep 2022 06:55 PM (IST)
सुखाड़ का आकलन कर मुख्यालय लौटी टीम
फसलों का निरीक्षण करते राज्य मुख्यालय से आई टीम के सदस्य। जागरण

जागरण संवाददाता, गोड्डा : राज्य सरकार की टीम शनिवार को गोड्डा में सुखाड़ की स्थिति का आकलन कर वापस राज्य मुख्यालय लौट गई। टीम की अगुवाई कर रहे पौधा संरक्षण निदेशालय के संयुक्त निदेशक पारसनाथ उरांव ने कहा कि इस वर्ष फसल की स्थिति भयावह है। गोड्डा के 1600 राजस्व गांवों में से 10 फीसद गांवों में टीम ने पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान हजारों की संख्या में किसानों से बातचीत की गई है। इसके बाद इस नतीजे पर पहुंचा की किसानों को मदद की आवश्यकता है। गोड्डा जिले में कृषि विभाग की ओर से खरीफ मौसम में 51500 हेक्टेयर में धान रोपनी का लक्ष्य रखा गया था। यहां अब तक महज 6180 हेक्टेयर में ही धनरोपनी हो पाई है। जगह-जगह बारिश के अभाव में खेतों में लगी धान की फसल नष्ट हो चुकी है। इस दौरान जिले के सुदूरवर्ती मानगढ़, रजौन, सैदापुर, कैथिया, पड़रिया, भुस्का, मानपुर, बनियाडीह, लोगाय, महेशपुर आदि गांवों के किसानों की ओर सुखाड़ को देखते हुए राहत अनुदान दिलाने की मांग टीम से की गई। संयुक्त निदेशक ने बताया कि जिले में औसतन से 60 प्रतिशत कम वर्षापात की रिपोर्ट है। वहीं मानक के अनुसार 33 प्रतिशत से कम आच्छादन पर ही विभाग सुखाड़ क्षेत्र घोषित करता है। ऐसे में गोड्डा जिला सुखाड़ की चपेट में है,इसमें कोई संशय नहीं है। टीम की ओर से फाइनल रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। इसे विभागीय प्रपत्र में उल्लेखित सात बिंदुओं पर जमीनी पड़ताल से संबंधित डाटा के साथ पोर्टल में अपलोड कर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार को भेजी जा रही है। अब इस मामले में अंतिम निर्णय राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की ओर से लिया जाएगा। दो सितंबर को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में संताल परगना के सभी छह जिलों में सुखाड़ के लिए सर्वे टीम भेजने का निर्णय लिया गया था। इसके तहत गोड्डा सहित छह जिलों में अलग-अलग टीम भेजी गई थी। गोड्डा में आई तीन सदस्यीय टीम ने जिले के गोड्डा सदर, पोड़ैयाहाट, सुंदरपहाड़ी, बोआरीजोर, पथरगामा, बसंतराय, मेहरमा, ठाकुरगंगटी और महागामा आदि प्रखंड के दर्जनों गांवों में खरीफ फसलों की स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित किसानों से बातचीत की। यहां संयुक्त निदेशक उरांव के साथ जिला कृषि पदाधिकारी डा. रमेश चंद्र सिन्हा सहित राज्य मुख्यालय से आए सहायक कृषि निदेशक रौशन नील कमल और यशवंत कुमार शामिल थे। प्रभावित प्रखंडों के दस प्रतिशत गांवों में टीम ने दौरा किया। प्रत्येक गांव के पांच अलग- अलग लोकेशन की जीपीएस फोटोग्राफी कराई गई है।

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