डीएलईडी प्रशिक्षु शिक्षकों का होगा सत्यापन
जागरण संवाददाता, गोड्डा : एनआइओएस (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कू¨लग) की ओर से जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र भेजा गया है।
जागरण संवाददाता, गोड्डा : एनआइओएस (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कू¨लग) की ओर से शुरू प्रशिक्षण लेने के लिए निजी स्कूल में शिक्षक होने का गलत प्रमाण पत्र लगाने वालों खिलाफ कार्रवाई होगी। एनआइओएस ने आशंका जताई है कि कोर्स की शुरुआत होने के बाद ज्यादातर अभ्यर्थियों ने निजी विद्यालय प्रबंधन से साठ-गांठ कर डीएलईडी कोर्स में नामांकन कराया है। इससे प्रशिक्षु शिक्षकों की संख्या लक्ष्य से काफी ज्यादा हो गई है। संस्थान ने सूबे के सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र भेज प्रशिक्षु शिक्षकों का सत्यापन कराने को कहा है।
कहा है कि सभी विद्यालयों में जांच करें कि शिक्षक वर्ष 2017 या उससे पहले शिक्षण कार्य से जुड़े हुए थे या नहीं। जांच में बिना शिक्षण कार्य से जुड़े शिक्षकों द्वारा निबंधन कराने का मामला सामने आता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला : निजी विद्यालयों में शिक्षण कार्य से जुड़े शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पिछले वर्ष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कू¨लग के तहत विशेष कोर्स डीएलईडी की शुरुआत की। ताकि शिक्षकों को शिक्षण से संबंधित छोटी-मोटी सभी जानकारी रहे। इससे बच्चों के पठन - पाठन की गुणवत्ता बेहतर होगी। जिले में डीएलईडी में कुल 1260 शिक्षकों ने नामांकन करवाया है। प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा में इनमें से 1167 शिक्षकों ने हिस्सा लिया था।
कोट -
डीएलईडी में प्रशिक्षु शिक्षकों के सत्यापन का दिशा निर्देश प्राप्त हुआ है। जांच करना है कि सभी शिक्षक 2017 व उससे पूर्व संबंधित विद्यालयों में शिक्षक थे या नहीं। सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को जांच कर जिला को प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा है।
- शंभूदत्त मिश्रा, एडीपीओ, गोड्डा