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जिले के उच्च विद्यालयों में शिक्षकों का टोटा

गोड्डा: जिले के उच्च विद्यालयों में वर्षों से व्याप्त शिक्षकों की कमी अब तक दूर नहीं की जा सक

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 07:23 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 07:23 PM (IST)
जिले के उच्च विद्यालयों में शिक्षकों का टोटा
जिले के उच्च विद्यालयों में शिक्षकों का टोटा

गोड्डा: जिले के उच्च विद्यालयों में वर्षों से व्याप्त शिक्षकों की कमी अब तक दूर नहीं की जा सकी है। विद्यालयों में नामांकन लेने वाले छात्र - छात्राओं की संख्या जहां प्रति वर्ष बढ़ रही है, वहीं शिक्षकों की संख्या में लगातार घट रही है। जिले में शिक्षकों की कमी के कारण पठन पाठन कार्य प्रभावित हो रहा है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में कई ऐसे विद्यालय है। जिनका संचालन एक - दो शिक्षकों के सहारे हो रहा है। ऐसे में भला छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे मिलेगी इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। पिछले वर्ष मैट्रिक-इंटर के परीक्षा परिणाम ने विभागीय अधिकारियों को मंथन करने को विवश कर दिया था। अगर, जल्द इस दिशा में कोई पहल नहीं होता है तो शैक्षणिक सत्र 18 -19 का भी परीक्षा परिणाम प्रभावित होगा। क्या है स्थिति : जिले के उच्च विद्यालयों में स्वीकृत शिक्षक पद के विरूद्ध एक चौथाई शिक्षक भी कार्यरत नहीं है। किसी तरह विभाग द्वारा कुछ शिक्षकों के प्रतिनियोजन व प्रभार पर स्थानीय स्तर से विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में कुल 39 राजकीयकृत उच्च व पांच प्रोजेक्ट विद्यालय है। इनमें प्रधानाध्यापक समेत सहयोगी शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद 459 है। इसमें से वर्तमान में मात्र 96 शिक्षक कार्यरत है। इस संख्या में भी औसतन 15 शिक्षक किसी न किसी कार्य से अवकाश पर रहते है। कई विद्यालयों में विषयवार शिक्षक नहीं: उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की कमी का आलम यह है कि कई स्कूलों में विषयवार शिक्षक तक नहीं हैं। गणित, विज्ञान, अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक भी कहीं - कहीं नहीं हैं। कुछ शिक्षकों का पिछले दिनों प्रतिनियोजन कर महत्वपूर्ण विषयों की पढ़ाई शुरू की गयी। ऐसे में जाहिर है कि इन विषयों की पढ़ाई नहीं होती होगी। अगर होती भी होगी तो केवल कोरम पूरा किया जाता होगा। स्कूलों में सही से पढ़ाई नहीं होने के कारण छात्र - छात्राओं को को¨चग व ट्यूशन का सहारा लेना पड़ता है। इसके लिए उन्हें शुल्क के रूप में मोटी राशि खर्च करनी पड़ती है। शहर व आसपास के इलाकों के छात्र तो को¨चग कर लेते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को अधिक परेशानी होती है। वर्जन - उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, लेकिन इसे दूर करने की कोशिश की जा रही है। शिक्षकों की बहाली राज्य स्तर से होनेवाली है। स्थिति से राज्य मुख्यालय को भी अवगत कराया गया है। - सच्चिदानंद द्विवेदी तिग्गा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, गोड्डा -------------------

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उच्च विद्यालयों में स्वीकृत, कार्यरत व रिक्त शिक्षकों के पद :-

विद्यालय स्वीकृत कार्यरत रिक्त

राजकीयकृत 415 90 323

प्रोजेक्ट 044 06 036

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प्रधानाध्यापकों की संख्या:-

स्वीकृत कार्यरत रिक्त

44 01 43


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