गंगटा तालाब का जीर्णोंद्धार नहीं होने बढ़ा प्रदूषण
जिला मुख्यालय के लोहियानगर मुहल्ला स्थित प्रसिद्ध गंगटा तालाब स्थानीय लोगों एवं सरकारी उदासीनता के कारण अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है। स्थिति यह है कि दिनोंदिन तरह प्रदूषित होती जा रही है। वह दिन दूर नहीं जब यह पोखर भी अन्य पोखरों की तरह इतिहास बन जायेगा।
गोड्डा : जिला मुख्यालय के लोहियानगर मुहल्ला स्थित प्रसिद्ध गंगटा तालाब सरकारी उदासीनता के कारण अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है। स्थिति यह है कि दिनोंदिन उक्त तालाब प्रदूषित होता जा रहा है। वह दिन दूर नहीं जब यह पोखर भी अन्य पोखरों की तरह इतिहास के पन्ने में ही सिमट कर रह जाएगा। कई बार जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक पदाधिकारियों को इस पोखर के जीर्णोद्धार करने व इसे अतिक्रमण से मुक्त कराने की मांग की गयी है। बावजूद अबतक इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है। आलम यह है कि पोखर के किनारे बसने वालों लोगों को तालाब के प्रदूषित पानी की सडांध के कारण जीना मुहाल हो गया है। क्या कहते हैं स्थानीय लोग : स्थानीय मंटू सिंह, अशोक झा, त्रिपुरारी, सोनू कुमार, मुकेश कुमार आदि का कहना है कि पिछले बीस वर्षों से इस पोखर का अतिक्रमण व प्रदूषण बढ़ने का सिलसिला जारी है। लगातार प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के समक्ष गुहार लगाई जाती है। बावजूद सिर्फ आश्वासन देकर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। अब तो हालात यह है कि यह तालाब इतनी प्रदूषित हो चुका है कि इसके पास खड़ा रहना भी दूभर हो गया है। इस पोखर में आसपास के कई मुहल्ले का गंदा पानी आकर गिरता है। इससे यह शौचालय का संडास बन कर रह गया है। वर्जन : तालाब के जीर्णोद्धार की दिशा में कई बार आवाज उठायी गयी है लेकिन अबतक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हो पायी है। विधायक स्तर से इस दिशा में पहल करने की जरूरत है।
: बेणु चौबे, नगर परिषद उपाध्यक्ष, गोड्डा ।