गोड्डा में भी नक्सली ताला पर दर्ज था मामला
गोड्डा : दुमका के शिकारीपाड़ा में पुलिस से मुठभेड़ में मारा गया इनामी नक्सली ताला उर्फ सह
गोड्डा : दुमका के शिकारीपाड़ा में पुलिस से मुठभेड़ में मारा गया इनामी नक्सली ताला उर्फ सहदेव राय संताल के दो शीर्ष नक्सली कमांडर में शामिल रहा है। उसकी गोड्डा पुलिस को भी बीते दस वर्षो से भी अधिक समय से थी। तीन जिलों के एक हजार जवान विजय व ताला के दस्ते की तलाश में जंगलों में खाक छान रहे थे। ताला मारा गया जबकि विजय दा, पीसी, उषा व चरका की तलाश पुलिस को है। ताला जिले में पहली बार जिले के सुंदरपहाड़ी के कटहलडीह गांव में पुलिस से हुई मुठभेड़ में भी शामिल था। जहां सर्च अभियान पर निकली एसएसबी व डीएपी जवान मे ताबड़तोड़ फाय¨रग कर दो जवान एसएसबी संदीप ¨सह व जिला बल के सुरेंद्र साह को मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना के बाद पहली बार जिला में यह बात आयी थी कि सुंदरपहाड़ी के उग्रवाद प्रभावित इलाकों शीर्ष नक्सली कमांडर ताला व विजय का दस्ता सक्रिय है जो इस क्षेत्र का इस्तेमाल सेल्टर के रूप में करता है तथा विकास योजनाओं में लेवी उठाता है। जिले में हुई पहली नक्सली मुठभेड़ के बाद से जिला पुलिस ने भी इलाके में सक्रियता बढ़ाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीजी बीबी प्रधान, तत्कालीन डीआईजी देवबिहारी शर्मा घटना के दिन गोड्डा आये थे। कहा था कि संताल परगना में ताला व विजय नक्सली का टाप कमांडर है जिसने कटहलडीह घटना को अंजाम दिया है। इस मामले में पुलिस ताला उर्फ सहदेव राय, विजय, पीसी, विमल, उषा व अन्य पर मामला दर्ज किया था। इसके ठीक एक साल बाद सुंदरपहाड़ी के बेलपहाड़ी में पुलिस नक्सली मुठभेड़ हुई थी। पूर्व में नुकसान उठा चुकी जिला पुलिस इस बार अलर्ट पर थी। दोनों ओर करीब चार सौ राउंड फाय¨रग हुई थी। नक्सली को पीछे हटना पड़ा था व एक मौत की बाद आयी थी लेकिन इसका शव नहीं मिल सका। इस मामले में भी शीर्ष नक्सली कमांडर ताला उर्फ सहदेव राय व विजय सहित अन्य नक्सली नामजद थे। इस घटना में तत्कालीन एसडीपीओ अभिषेक कुमार व थानेदार जर्नादन ¨सह बाल-बाल बचे थे। अब पुलिस रडार पर विजय : शीर्ष नक्सली कमांडर ताला के मारे जाने के बाद पुलिस रडार पर अब ईनामी नक्सली कमांडर विजय व पीसी है जिसकी तलाश गोड्डा, दुमका व पाकुड़ पुलिस को है। संताल परगना के तीन जिला में करीब दो दर्जन हथियारबंद नक्सली दस्ता है जिसे ताला व विजय लीड करता था। इसके बाद एरिया कमांडर स्तर के भी नक्सली हैं जिनमें सुंदरपहाड़ी क्षेत्र में चरका का नाम आ रहा है। इसके पहले इस इलाके में मोछू नेतृत्व करता था जिसकी गिरफ्तारी के बाद विमल को कमान मिली थी। वह पीसी का रिश्तेदार बताया जाता है। इसकी गिरफ्तारी के बाद से चरका को इलाके की कमान मिली थी। पुलिस के अनुसार तीनों जिला को मुख्य रूप ताला व विजय ही लीड करता था। ताला के मारे जाने के बाद नक्सली संगठन के कमजोर होने की संभावना : शीर्ष नक्सली कमांडर ताला के मारे जाने के बाद गोड्डा के साथ ही संतालपरगना में नक्सली संगठन की जड़ और कमजोर होने के कयास लगाये जा रहे हैं। गोड्डा, दुमका व पाकुड़ में विजय व ताला के बढ़ते प्रभाव के कारण करीब सात वर्ष पूर्व ही राज्य मुख्यालय ने एंटी नक्सल आपरेशन के लिए गोड्डा को पहले एसएसबी की एक कंपनी व बाद में एक और कंपनी उपलब्ध करायी गयी। वही पाकुड़ को आइआरबी व दुमका को एसएसबी की कंपनी अभियान के लिए मिली। इसके बाद से एंटी नक्सल अभियान को गति मिल पायी। नक्सली कारीडोर झींकपानी से सुंदरपहाड़ी : खुफिया विभाग के सूत्र के अनुसार संताल परगना का नक्सली कारीडोर दुमका जिला के शिकारीपाड़ा थाना के झींकपानी से लेकर जिला का सुंदरपहाड़ी का सीमावर्ती इलाका है जो गोपीकांदर, अमड़ापाड़ा से जुड़ा हुआ है। नक्सली इसी कारीडोर का इस्तेमाल करते रहे हैं जिसपर हाल के हाल के वर्षो में सुरक्षा बलों ने अपना प्रभाव बढ़ाया है। अब कारीडोर पर एसएसबी, डीएपी चल रहे हैं।