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सूरज की रोशनी से दूर होगा रात का अंधेरा

गोड्डा : घने जंगलों व पहाड़ों पर बसे जिले के बोआरीजोर व सुंदरपहाड़ी प्रखंड के गांव स

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 06:21 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 06:21 PM (IST)
सूरज की रोशनी से दूर होगा रात का अंधेरा
सूरज की रोशनी से दूर होगा रात का अंधेरा

गोड्डा : घने जंगलों व पहाड़ों पर बसे जिले के बोआरीजोर व सुंदरपहाड़ी प्रखंड के गांव से जल्द ही अंधेरा दूर होगा। इन गांवों को जिला प्रशासन ने सोलर लाइट से रोशन करने का निर्णय लिया है। आजादी के 71 वर्षों बाद भी इन गांवों में बिजली नहीं पहुंची है।बिजली आपूर्ति की पुरानी व्यवस्था इन गांव में बहाल नहीं हो सकती है। इसलिए प्रशासन ने सोलर के माध्यम से इन्हें रोशन करने की योजना बनाई है। इसके लिए संबंधित गांवों में सरकारी अधिकारियों की चहलकदमी भी बढ़ गई है। जिले में ऐसे गांवों की संख्या लगभग आठ दर्जन से ज्यादा है।

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अधिकारियों को सर्वे कार्य करने का निर्देश : जिले के वैसे गांवों को चिह्नित करने का निर्देश जिला प्रशासन ने विभागीय अधिकारियों को दिया है जहां सब स्टेशन से पोल व तार के माध्यम से बिजली आपूर्ति करना संभव नहीं है। ऐसे अधिकतर गांव जिले के दो प्रखंडों सुंदरपहाड़ी व बोआरीजोर प्रखंड में है। सभी गांव पहाड़ी होने के साथ जंगलों से घिरा है। इन प्रखंडों के गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सौर ऊर्जा पहुंचाना चाहती है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद इस दिशा में आगे का काम होगा।

प्रत्येक गांव में सोलर मिनी प्लांट : प्रशासन प्रत्येक गांव में सोलर मिनी प्लांट स्थापित की योजना बना रहा है। गांव में मिनी सोलर प्लांट इकाई स्थापित कर पूरे गांव को तार के माध्यम से बिजली आपूर्ति करना आसान होगा। अगर, इसमें भी कोई व्यवधान उत्पन्न हुआ तो प्रशासन ¨सगल सोलर प्लेट सभी घरों के सामने लगाएगा। सभी गांवों की भौगोलिक व प्राकृतिक संरचना भिन्न - भिन्न है। ऐसे में किन गांवों में कौन सी व्यवस्था होगी इस निर्णय करना सहज नहीं है। प्रशासन इस कार्य को फेज वाइज पूरा करेगा।

बोआरीजोर में ऐसे गांव सबसे ज्यादा : जिले में बिजली बहाल करने का कार्य कर रही एजेंसी ईस्ट इंडिया उद्योग लिमिटेड ने जिला प्रशासन को समर्पित अपने प्रतिवेदन में इसका जिक्र किया है। परंपरागत बिजली आपूर्ति व्यवस्था संभव नहीं होने वाले गांवों की संख्या जिले के बोआरीजोर प्रखंड में सबसे ज्यादा है। इस प्रखंड में ऐसे गांवों की संख्या 68 है। जबकि, सुंदरपहाड़ी प्रखंड में ऐसे गांवों की संख्या 30 है। प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद ही विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत इन गांवों तक रोशनी पहुंचाने का निर्णय लिया।

वर्जन

जिला प्रशासन ने वैसे गांवों को चिह्नित कर लिया है। जहां पुरानी बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करना संभव नहीं है। इन गांवों को सौर उर्जा से रोशन किया जाएगा। गांवों का सर्वे करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया गया है। ऐसे गांव कि संख्या लगभग 98 है।

- किरण कुमारी पासी, उपायुक्त, गोड्डा

(फोटो 2) -------------------

इसे बाक्स में लगाएं :- सौर ऊर्जा से रोशन होने वाले गांव

बोआरीजोर : बरा पतमा मसहरा, छोटा पतमा, बड़ा पतमा, कुश पिसा, धमनीजोड़, डोनीगोडा बेदो, जोनिया, करीयम, लेट्रागोडा, मातुबेरा, पुरो माको, पुरो बेदो, केशगोरिया, पकड़िया, जागोरा, बदोर, बीचडुबा, बालकनी, मेरेडेला, बारगबीता, कुटनी, पुड़ियाबादर, बरताली, बरकबिता, बरगी, बरतारी, चुड़ी बेदो, गडगंदी, गंडियामो, मालीगोडा, मसांदुमी, मरडाडे, आरबोट, पंचरूखी, संडरिय, पकड़िया पहाड़, पचरो, मरनी पहाड़, दरीया पहाड़, तेतरागंजी पहाड़, बोरबे, चेंगरो, गमारी, किलो माको, कुरो माको, पतमा जोका, टोकुड़िया, छोटा शहरपुर, बड़ा बरमा पहाड़, टाटकुंडा, छोटा बरमा, देवडाड़, सुरला, भगवानपुर, टिकड़ीगोड़ा, मलभित्ता टोला, छोटा पीपड़ा, बड़ा पीपड़ा, मोटेर पहाड़, धोलना पहाड़, बसडंडा, सतबेरा, बड़ा चापरी, चापरी बड़ा, बड़ा केरलो, छोटा केरलो, बरा कामु व धुमली।

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सुंदरपहाड़ी : चलगोडा (मदगी), गंडारामा, जमड़ी, जीरको, कलारे (कामुगोडा), गामरो , दाहूबेड़ा, बीताकपू, जारीमाको, कुदी गोडा, मादगी माको, डुलू, राजाभिट्ठा, छोटा आदरो, मंसपाड़ा, केशम, चमेर, चातमी, चामडाडे, बेडो, चरचरी, चेओ (तेतरिया), डांडो, धुमली, घर¨सगला, नदगोडा, सरमी, तासमेथू, तालकपाड़ा (पुसुकुड़िया) व तीलाईपाड़ा।


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