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कमजोर बुनियाद पर समृद्धि की नींव

जागरण संवाददाता गोड्डा जिले के महागामा क्षेत्र के पल्हारपुर स्थित सुंदर नदी से लिक नहर परियोजना से हजारों किसानों को सिचाई सुविधा मिलेगी। गत वर्ष तत्कालीन विधायक अशोक भगत ने उक्त योजना की स्वीकृति राज्य सरकार से दिलाई थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 06:14 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 06:14 AM (IST)
कमजोर बुनियाद पर समृद्धि की नींव
कमजोर बुनियाद पर समृद्धि की नींव

जागरण संवाददाता, गोड्डा : महागामा क्षेत्र के पल्हारपुर स्थित सुंदर नदी लिक नहर परियोजना से हजारों किसानों को सिचाई सुविधा मिलेगी। बीते वर्ष इस योजना को राज्य सरकार ने स्वीकृति दी थी। 86 करोड़ की परियोजना में अभी नहर पक्कीकरण का कार्य दुर्गापुर गांव के निकट किया जा रहा है। लेकिन, नहर का पिलर बनने के साथ ही जगह-जगह टूट रहा है।

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नहर के पीसीसी कार्य में अनियमितता के खिलाफ स्थानीय किसानों ने मोर्चा खोल दिया है। नूनाजोर, बड़ा कैथिया, छोटा कैथिया, भगन, कर्कटड़ीह और दुर्गापुर समेत अन्य गांवों के किसानों ने सिचाई विभाग को आवेदन देकर इसकी गहराई से जांच कराने और कार्य की गुणवत्ता को बेहतर करने की मांग की है। बताया जाता है कि उक्त नहर पूर्व में कच्ची थी। इसमें मिट्टी खुदाई कर उसे पक्की नहर का स्वरूप दिया जा रहा है ताकि किसानों के खेतों तक बिना रुकावट के पानी पहुंचाया जा सके। हाई कोर्ट में याचिका के बाद बन रही नहर : बताया जाता है कि वर्ष 2010-11 में सुंदर जलाशय के पानी के उपयोग के लिए जिदल कंपनी को सरकार ने अधिकृत कर दिया था। इसके खिलाफ महागामा के पूर्व विधायक अशोक भगत ने हाई कोर्ट में याचिका दायर किया और फैसला किसानों के पक्ष में आया। गत वर्ष राज्य सरकार ने सुंदर जलाशय के पानी पर सिचाई का स्वभाविक दावा को स्वीकार करते हुए यहां 86 करोड़ की परियोजना की स्वीकृति दी थी। बीते छह माह से परियोजना का कार्य चल रहा है। अभी तक दो किमी तक ही कार्य हुआ है, जबकि नहर की लंबाई 32 किमी है। इससे महागामा, मेहरमा के साथ साथ पथरगामा और बसंतराय प्रखंड के किसानों को भी सिचाई सुविधा मिलनी है। 10 किमी दूर से कार्यस्थल पर ला रहे निर्माण सामग्री : निर्माण कार्य के दौरान नहर की ढलाई में उपयोग होने वाली सामग्री करीब दस किमी दूर पल्हारपुर के निकट स्थापित मिक्सिग प्लांट से कार्यस्थल तक लाई जाती है। मिक्सिग प्लांट को एक छोर पर बैठाने पर स्थानीय किसानों ने सवाल खड़ा किया है। इसमें नदी से अवैध बालू आसानी से कार्य एजेंसी का मिल जाता है। ग्रामीणों को निर्माण सामग्री की गुणवत्ता का भी पता नहीं चलता है। कार्यस्थल पर विभागीय पदाधिकारी भी दर्शन नहीं देते हैं। यहां ठेकेदार अपनी मर्जी से कार्य का निष्पादन करता है। स्थानीय ग्रामीणों ने कहा है कि यदि गुणवत्ता में सुधार नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।

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- गुणवत्ता से किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है। अभी संगठन के कार्य से प्रदेश मुख्यालय में हूं। वापस आने पर कार्य स्थल का जायजा लेकर स्थानीय लोगों से जानकारी ली जाएगी। सिचाई विभाग ने उक्त परियोजना को अभी गारंटी पीरियड में कार्यएजेंसी को सौंपा है। गड़बड़ी होने पर एजेंसी को फिर से काम करना होगा।

- अशोक भगत, पूर्व विधायक, महागामा।

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अभी तीन माह पूर्व ही नहर खुदाई और पक्कीकरण का कार्य शुरू किया जा गया है। इसे अगले दो वर्ष में पूरा करना है। कार्यस्थल पर कनीय अभियंता मिहिर कुमार को देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है। स्थानीय किसानों की मांग पर नहर निर्माण योजना में गुणवत्ता पर विभाग चौकन्ना है। किसी तरह की गड़बड़ी मिलने पर एजेंसी को दोबारा कार्य करने का निर्देश दिया गया है।

- उमाशंकर राम, कार्यपालक अभियंता, सिचाई विभाग, गोड्डा।


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