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72 लाख से निर्मित स्टेडियम का हुआ जर्जर

ृमेहरमा (गोड्डा) ठाकुरगंगटी प्रखंड के मां खरहरी धार्मिक स्थल (धनकोल) के समीप मोपहाड़

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 05:53 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 05:53 PM (IST)
72 लाख से निर्मित स्टेडियम का हुआ जर्जर

ृमेहरमा (गोड्डा): ठाकुरगंगटी प्रखंड के मां खरहरी धार्मिक स्थल (धनकोल) के समीप मोपहाड़ी मैदान में 72 लाख रुपये की लागत से बना प्रखंड स्तरीय स्टेडियम देखरेख के अभाव में जर्जर हो रहा है। विवाद के कारण इन दिनों उक्त स्टेडियम शोभा की वस्तु बनकर रह गया है। स्टेडियम का समरसेबल पंप तथा कमरा में लगाया गया पंखा भी चोरी हो गई है। दरवाजा, खिड़की भी खराब हो चुका है।

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2013 में तत्कालीन विधायक राजेश रंजन की पहल पर खेल मंत्री सह आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के द्वारा खेलकूद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रखंड स्तरीय स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति प्रदान कराई गई थी। परंतु स्थानीय कुछ लोगों के विवाद के कारण स्टेडियम यूं ही पड़ा हुआ है। स्टेडियम की परिधि 500 गुना 350 फिट है। इसके बीचोंबीच दो महुआ के विशाल पेड़ स्टेडियम निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भी नहीं हटाया जा सका है।

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क्या कहते हैं ग्रामीण : ग्रामीण राजा स्वामी, अर्जुन प्रसाद महतो आदि ने कहा कि स्टेडियम हर हाल में चालू होना चाहिए। नियमित खेलकूद होते रहने से युवकों में शारीरिक और मानसिक शक्ति का विकास तो होगा ही स्टेडियम का रखरखाव भी होगा। स्टेडियम से सटे धनकोल गांव की वीणा देवी व उनके पुत्र दिलीप महतो ने बताया कि स्टेडियम निर्माण में उनकी एक बीघा 15 कट्ठा 9 धुर जमीन जबरन ले ली गई और मुआवजा भी नहीं दिया गया है। इसके लिए वे लोग शुरू से अब तक लड़ाई लड़ते आ रहे हैं। बताया कि स्टेडियम का सभी छह कमरा उनकी ही जमीन में है। बताया कि इस संबंध में 8 जून 2015 तथा 21 मार्च 2016 को उपायुक्त को आवेदन सौंपकर कार्रवाई की मांग की गई थी। साथ ही स्थानीय प्रशासन तथा अनुमंडल पदाधिकारी को भी आवेदन दिया गया था। बावजूद जमीन का मुआवजा देने की दिशा में कोई पहल नहीं की गई। कहा कि उन लोगों के द्वारा स्टेडियम में कभी किसी को खेलने कूदने से मना नहीं किया गया है। इधर मुखिया संघ के अध्यक्ष प्रफुल्ल महतो ने कहा कि स्टेडियम बनने के बाद वीणा देवी द्वारा यह कहकर युवकों को खेलने नहीं दिया जाने लगा कि स्टेडियम निर्माण में जबरन उनकी जमीन ली गई है। अंचलाधिकारी को कई बार मौखिक तथा लिखित आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की गई है। वहीं पंचायत के पूर्व मुखिया व वर्तमान मुखिया पति इग्नाशिस मुर्मू ने वीणा देवी के दावे का समर्थन किया है। कहा कि आरोप सही है। सरकारी अमीन द्वारा मापी कराकर उनकी जमीन को चिह्नित किया गया है लेकिन जमीन का मुआवजा नहीं दिया गया है, जो बिल्कुल गलत है। कहा कि उनके स्तर से भी वीणा देवी को जमीन का मुआवजा दिलाने की दिशा में पहल की जा रही है। क्या कहते हैं ठेकेदार : प्रियंबदा इंफ्रा प्रोजेक्टर के प्रोपराइटर अवधेश ठाकुर ने बताया कि उनके द्वारा भूमि प्रतिवेदन के साथ प्राक्कलन के अनुसार कार्य को पूरा कर विभाग को सौंप दिया गया है। विभाग द्वारा ग्रामीणों को स्टेडियम की चाबी भी सौंप दी गई थी। इसके बाद इस स्टेडियम में दो बार वार्षिक सत्संग भी हुआ था।

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स्टेडियम निर्माण में यदि किसी का जमीन गया है तो वह लिखित आवेदन दे। इसकी जांच कराई जाएगी। वर्तमान में उसमें सरकारी भवन बन गया है किसी भी कीमत पर उसे अतिक्रमण नहीं करने दिया जाएगा। करीब 20-25 दिन पूर्व धनकोल गांव के कुछ लोगों द्वारा स्टेडियम के अंदर बने कमरा को कब्जा कर लिया गया था। ग्रामीणों की शिकायत पर नोटिस भेजकर तुरंत कमरा खाली करवाया। साथ ही भविष्य में स्टेडियम (कमरा)का अतिक्रमण नहीं करने की चेतावनी दी गई। इस संबंध में बांड भी लिखवाया गया है। स्टेडियम युवकों के खेलने के लिए है।

- डॉ खगेन महतो, ठाकुरगंगटी।


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