सोलर जलमीनार खराब होने से ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी परेशानी
गोड्डा जिले के महागामा प्रखंड क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में 14 वें वित्त आयोग की राशि से नि
गोड्डा : जिले के महागामा प्रखंड क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों में 14 वें वित्त आयोग की राशि से निर्मित सोलर जलमीनार इन दिनों खराब पड़ी हुई है। खराब जलमीनार लोगों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही है। प्रखंड के गोविदपुर, मनियामोर, आमडीहा, हनवारा ऑटो स्टैंड, गढ़ी पंचायत भवन के समीप, चिनायकित्ता, लौगाय आदि स्थानों पर लगी जलमीनार बीते कई माह से खराब है।
हनवारा इमली बांध के समीप लगी जलमीनार भी खराब पड़ी हुई हैं। इसके कारण लोगों को पीने के पानी के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हनवारा के मोहम्मद कय्यूम, मोहम्मद सद्दाम, मोहम्मद अशफाक और मोहम्मद इम्तियाज समेत कई लोगों ने बताया कि पेयजल की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 14 वें वित्त आयोग की राशि से गत वर्ष ही वेंडर के माध्यम से जलमीनार लगवाई गई थी। पंचायत के मुखिया मो मंजूर आलम ने तब जलमीनार बनने से लोगों को जल संकट से मुक्ति का भरोसा दिया था लेकिन बीते छह माह से जलमीनार खराब पड़ी है। पंचायत प्रशासन या संबंधित विभाग इसकी सुध नहीं ले रहा है, जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि हनवारा चौक पर पीने के पानी का एकमात्र साधन उक्त सोलर जलमीनार ही है। इसके खराब हो जाने से स्थानीय दुकानदारों के साथ-साथ बस स्टैंड आने- जाने वाले यात्रियों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है जबकि उक्त जलमीनार से करीब 50 दुकानदार के अलावा अलग-अलग में रहने वाले दर्जनों घरों के लोग पानी ले जाते थे लेकिन जल मीनार खराब होने से लोगों को भारी फजीहत हो रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जल मीनार लगाने में घोर अनियमितता बरती गई है। अनियमितता का आलम यह है कि निर्माण के साथ ही पाइप में लीकेज होना, नल में खराबी आ जाना और सोलर प्लेट का काम करना बंद कर देना आदि समस्याएं उत्पन्न हो गई है। यहां तक कि जलमीनार स्थल में योजना का बोर्ड तक नहीं लगाया गया है। जलमीनार के फाउंडेशन में भी मानकों की अनदेखी की गई है। निर्माण के दौरान भी ग्रामीणों ने इसपर सवाल उठाया था। जलमीनार के बगल में शोकपिट का निर्माण भी जैसे तैसे किया गया। जल मीनार के ऊपर रखी पानी टंकी बिना किसी सपोर्ट के है। इससे टंकी गिरने की संभावना है। ग्रामीणों ने बताया कि मुखिया और पंचायत सचिव से कई बार इसकी शिकायत की गई है। बताया कि अधिक मुनाफा अर्जित करने के उद्देश्य से जलमीनार की गुणवत्ता के साथ समझौता किया गया है। प्रखंड के अन्य गांवों में बनी जलमीनारों की भी समस्या ऐसी ही है। ग्रामीणों ने इसकी जांच की मांग उपायुक्त भोर सिंह यादव से की है।
-------------------------------------------------
पंचायत स्तर पर निर्मित सोलर जलमीनार का रखरखाव की जिम्मेवारी निर्माण एजेंसी पर दी गई है। उन्हें पांच साल तक इसका रखरखाव करना है। पंचायत के मुखिया की शिकायत पर उसे दुरुस्त करने के लिए प्रखंड स्तर पर कनीय अभियंता आदि हैं। ग्रामीण इसकी शिकायत मुखिया और बीडीओ से कर सकते हैं। खराब जलमीनारों की मरम्मत उन्हें त्वरित कराना है। - अरुण कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी, गोड्डा।