सवर्ण आरक्षण में सॉफ्टवेयर का पेच
गोड्डा आíथक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए देश में 10 फीसद आरक्षण का प्रावधान तो कर दिया
गोड्डा : आíथक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए देश में 10 फीसद आरक्षण का प्रावधान तो कर दिया गया है लेकिन इसके लिए जरूरी सॉफ्टवेयर नहीं होने से जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध मे पूछने पर सदर अंचलाधिकारी प्रदीप कुमार शुक्ला ने बताया कि आरटीपीएस काउंटर से जातीय प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र के साथ-साथ आय प्रमाण पत्र बनाना अनिवार्य है। तीनों प्रमाण पत्रों की छाया प्रति के साथ सवर्ण आरक्षण का प्रमाण पत्र लेने के लिए आवेदन करना अनिवार्य होगा। इस आवेदन के आधार पर विभाग की ओर से दिए जाने वाले मार्गदर्शन के अनुरूप मैनुअल तरीके से सामान्य जाति का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इन दिनों औसतन 20 आय प्रमाण पत्र लिए जा रहे हैं। जिले के अन्य अंचलों में भी धीमी रफ्तार से प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है। सॉफ्टवेयर नहीं रहने से कर्मचारियों को प्रमाण पत्र बनाने में दिक्कत हो रही है। उन्हे भी मैनुअल तरीके से काम करना पड़ रहा है। जरूरी कागजात के साथ आरक्षण के लिए पात्रता रखने वाले अभ्यर्थी को संबंधित सीओ के पास आवेदन देना होगा। आवेदन की जांच के बाद विभाग प्रमाण पत्र जारी करेगा। जिला मुख्यालय में प्रमाण पत्र बनवाने के लिए औसतन 20 दिन का समय लगता है। इसके बाद ही कोई व्यक्ति सवर्ण आरक्षण के लिए आवेदन दे पा रहा है।
ये कागजात जरूरी : सवर्ण आरक्षण का लाभ लेने के लिए आíथक रुप से कमजोर होने का प्रमाण पत्र के रुप में पिता या पति के बैंक खाते की छाया प्रति देनी होगी। इसी तरह निगम क्षेत्र में रहनेवाले लोगों को आवासीय प्रमाण के लिए नगर निगम के होल्डिग टैक्स की रसीद देनी होगी। ग्रामीण इलाकों के लिए भी प्रावधान रहेगा। आवासीय प्रमाण पत्र बनाने के बाद ही कोई व्यक्ति सीओ के पास सवर्ण आरक्षण के लिए आवेदन दे सकता है। इस दौरान अभ्यर्थियों के कागजातों की जांच अंचल कार्यालय के कर्मचारी करेंगे। जांच के बाद ही सवर्ण आरक्षण का लाभ मिल पाएगा। आनलाइन आवेदन देने के लिए अभी तक जिले में सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं किया गया है।
छात्रों को हो रही परेशानी : मोदी सरकार की घोषणा के बाद इसे अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी प्रशासन की थी। जाति, आय और आवासीय प्रमाण पत्र के लिए इन दिनों बड़ी संख्या में सवर्ण छात्र-छात्राएं अंचल कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। छात्र राजेश कुमार और पवन कुमार ने बताया कि सवर्ण आरक्षण का लाभ लेने के लिए आवश्यक नियम कानून की जानकारी नहीं होने से अधिक परेशानी हो रही है। छात्रों का कहना था कि कार्यालय में बाबू यह कह कर लौटा देते हैं कि कुछ दिनों के बाद आइए अभी सॉफ्टवेयर नहीं आया है।
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सवर्ण आरक्षण के लिए जो मानक सरकार की ओर से तय किए गए हैं, उसका अनुपालन कराया जा रहा है। सभी अंचलाधिकारियों को इसके लिए निर्देशित किया गया है। सिस्टम में नया सॉफ्टवेयर नहीं आने से परेशानी हो रही है, इसे एनआइसी के माध्यम से दुरुस्त करा लिया जाएगा।
- संजय पीएम कुजूर, एसडीओ, गोड्डा।