तत्कालीन सहायक अभियंता पर भी होगी कार्रवाई
गोड्डा : पथरगामा प्रखंड के कोरका-पकड़िया मार्ग में खट्टी नदी पर चार करोड़ 40 लाख की लागत से निर्मित पु
गोड्डा : पथरगामा प्रखंड के कोरका-पकड़िया मार्ग में खट्टी नदी पर चार करोड़ 40 लाख की लागत से निर्मित पुल के टूटने के मामले में स्पेशल डिवीजन के तत्कालीन सहायक अभियंता कौशलेंद्र कुमार ¨सह पर भी विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अब वे अवकाश ग्रहण कर चुके हैं। ग्रामीण विकास विभाग के उपसचिव आसिफ हसन ने इस संबंध में ग्रामीण विकास विशेष प्रक्षेत्र के मुख्य अभियंता को पत्र भेजा है। उपसचिव ने मुख्य अभियंता कौशलेंद्र प्रसाद ¨सह के खिलाफ आरोप पत्र प्रपत्र क में साक्ष्य सहित उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। स्पेशल डिवीजन के कार्यपालक पदाधिकारी का पद रिक्त रहने की वजह से इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पायी है। कार्यपालक पदाधिकारी की पो¨स्टग के बाद इस मामले में कार्रवाई होने की उम्मीद है। गौरतलब हो कि नौ दिसंबर 2018 की रात दो ट्रक के चढ़ने से उक्त पुल टूट गया था। 36 माह पूर्व ही पुल का निर्माण दिव्या कंस्ट्रक्शन कंपनी ने कराया था। 11 दिसंबर को स्पेशल डिवीजन के अधीक्षण अभियंता ने क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण किया था। उधर, उपायुक्त द्वारा गठित एक टीम ने भी पुल का निरीक्षण किया था। रिपोर्ट सरकार को भेजी गई थी। इसके बाद विभाग के कार्यपालक अभियंता श्रवण कुमार ¨सहा व कनीय अभियंता महेंद्र तिवारी को निलंबित कर दिया गया था। निर्माण एजेंसी पर प्राथमिकी दर्ज कराने का भी निर्देश दिया गया था। काली सूची में भी डालने की बात कही गई थी। हालांकि अब तक न तो प्राथमिकी दर्ज की गई है और न ही उसे काली सूची में डाला गया है। कार्यपालक अभियंता ने ग्रहण किया प्रभार : करीब 15 दिनों के बाद बुधवार को कृष्ण कुमार चौधरी ने स्पेशल डिवीजन के कार्यपालक पदाधिकारी का पदभार संभाल लिया। इससे पूर्व वे देवघर में कार्यपालक अभियंता के पद पर पदस्थापित थे। श्रवण कुमार सिन्हा के निलंबन के बाद यह पद खाली था। नगर परिषद, एनआरईपी, जिला परिषद के कार्यपालक अभियंता का भी प्रसार उनके जिम्मे था। उनके निलंबन के बाद से इन विभागों का कार्य रुका हुआ था। दो दिन पूर्व उनकी नियुक्ति का आदेश जारी हुआ था। उनके पदभार ग्रहण करने के बाद कार्य में तेजी आने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि दो-चार दिनों में विभाग की ओर से दिए गए आदेशों का अध्ययन कर मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।