विषहरी पूजा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
मेहरमा प्रखंड क्षेत्र के बौरमा ग्राम में स्थित विषहरी माता मंदिर में वाíषक साप्ताहिक पूजा में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है।
ठाकुरगंगटी : मेहरमा प्रखंड क्षेत्र के बौरमा ग्राम में स्थित विषहरी माता मंदिर में वाíषक साप्ताहिक पूजा में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। मंदिर में सर्वप्रथम सुबह से दैनिक पूजा और फिर चंडी पाठ होता है। उसके बाद सार्वजनिक रूप से ग्रामीणों द्वारा पूजा अर्चना की जाती है। बौरमा गांव का अलावा निकटवर्ती कई गांवों के सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन सुबह शाम मंदिर में पूजा अर्चना करने चढ़ावा चढ़ाने सहित आरती प्रसाद पाने पहुंच रहे हैं। इस दौरान देवी देवता के आगमन पर आगंतुक श्रद्धालु मन्नतें मांगते हैं और अपने मन की व्यथा को सुनाते हैं । वहीं मुरादें पूरी होने पर श्रद्धालु पूजा अर्चना चढ़ावा आदि के लिए यहां आते हैं। वर्षो के अलावा इस वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक देखी जा रही है। श्रद्धालुओं में महिला श्रद्धालुओं व युवतियों की अधिक संख्या देखी जा रही है। इस गांव के इस मंदिर में पूर्वजों के काल से करीब 300 वर्षों पूर्व से नाग पंचमी के अवसर पर वाíषक साप्ताहिक विशेष पूजा होती आ रही है । इस वाíषक विशेष पूजा की बड़ी ही मान्यता है। इसमें दूर दराज के अधिकांश श्रद्धालु मन में उत्साह लेकर पहुंचते हैं। काफी दूर-दूर तक इस गांव के इस विषहरी माता मंदिर में इस विस्तार ढंग से पूजा अर्चना होने देवी देवता का आगमन मन्नत पूर्ण आदि की जानकारी है। श्रद्धालु जल्द अपना काम काज व्यापार कृषि कार्य के साथ साथ अन्य जरूरी काम काज दैनिक कार्य को पूर्ण कर पूजा पाठ के समय एवं संध्या आरती के समय मंदिर में निश्चित रूप से भाग ले लेते हैं। मंदिर में पूजा पाठ के अलावे बारी बारी से कीर्तन भजन पाला कीर्तन संकीर्तन शिव चर्चा व देवी गीत आदि जारी रहता है। रविवार की शाम वाíषक साप्ताहिक विशेष संध्या पूजा में भी हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ लगी। सोमवार को वाíषक साप्ताहिक पूजा की विशेष पूजा होगी।
पूजा में विषहरी माता दहेली माता काली माता बजरंगबली आदि करीब दर्जन भर से अधिक देवी देवताओं का आगमन होगा। विषहरी माता के आगमन पर पीतल व मिट्टी के 11 कलश में मुख्य सहयोगी नारद पोद्दार आदि के माध्यम से जल भरा जाएगा। माता के कथनानुसार मंदिर परिसर में गंगाजल या गांव के निकट तालाब बांध में डुबकी लगाकर कलश में जल भरा जाएगा। उसके बाद करीब 3 क्विटल से अधिक गाय का दूध अíपत किया जाएगा। काली माता के आगमन पर उन्हें हाथ में आग से भरा धूमनौटी दिया जाएगा। बजरंगबली के आगमन पर मुख्य पुजारी के शरीर व सर पर सिदूर का लेप लगाया जाएगा इस विषहरी माता मंदिर के मुख्य पुजारी व्यास मुनि पोद्दार विभीषण पोद्दार पवन पोद्दार निलेश पोद्दार मुख्य सहयोगी नारद पोद्दार आदि पूजा पाठ वह देवी देवता आगमन संबंधी कार्यों में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा पूजा संबंधी सामग्री जुटाने एवं श्रद्धालुओं को सहयोग करने में पूजा समिति के अध्यक्ष चुन्ना पोद्दार सचिव पप्पू उर्फ आलोक कुमार पोद्दार कोषाध्यक्ष सियाराम पोद्दार राजीव रंजन मोनू कुमार सुमन कुमार पोद्दार मुकेश कुमार सुरेश पोद्दार विजय पोद्दार मनीष कुमार गोपाल पोद्दार श्रीधर पोद्दार राजेश पोद्दार परमानंद पोद्दार आदि ग्रामीण सहयोग कर रहे हैं।
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