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प्ली बारगेनिग से कम सजा संभव : सचिव

गोड्डा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में रविवार को मंडल कारा परिसर में जेल अदालत लगाकर बं

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 06:25 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 06:25 PM (IST)
प्ली बारगेनिग से कम सजा संभव : सचिव
प्ली बारगेनिग से कम सजा संभव : सचिव

गोड्डा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में रविवार को मंडल कारा परिसर में जेल अदालत लगाकर बंदियों के मामले पर सुनवाई की गई वहीं कई समस्याएं भी सुनी गई। जेल अदालत की अध्यक्षता कर रहे जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संजय कुमार सिंह ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज होने से ही कोई दोषी नहीं हो जाता है जबतक उसपर संबंधित कोर्ट की ओर से आरोप साबित नहीं हो जाता है। कानून की नजर में देश के सभी नागरिक समान है। अगर किसी के अधिकार का हनन होता है तो संविधान में उसके लिए सजा का प्रावधान है। जेल में बंद कैदियों व बंदियों के लिए सरकार द्वारा विधिक सहायता की भी व्यवस्था की गई है। अगर किसी को पैरवी के लिए वकील की जरूरत है तो वे संबंधित कोर्ट को जेल के माध्यम से आवेदन दे सकते हैं। उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा निशुल्क वकील मुहैया कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्री- लिटिगेशन के तहत सात साल से कम सजा के प्रावधान वाले मामले में दोष कबूलने पर कम से कम सजा संभव है। इसके लिए पीड़ित पक्ष के साथ समझौता कराकर उसे हर्जाना देना पड़ेगा। इसके अलावा बंदियों के अधिकारों पर भी प्रकाश डाला गया। मौके पर लोक अभियोजक राजकुमार मंडल, अधिवक्ता अजीत कुमार, जेलर लीलेश कुमार मुंडा, पीएलभी एन कुमार एवं इंतेखाब आलम, कर्मी नीरज कुमार झा आदि थे।

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