जल, वन व मृदा को संरक्षित रखने के लिए पौधारोपण जरूरी
जागरण संवाददाता गोड्डा प्रकृति ने लोगों को जीवन जीने के लिये बहुत से संसाधन जैसे नदी भूमि जंगल भू-जल खनिज जीव-जंतु इत्यादि प्रदान किये है जो मनुष्यों के जीवन के लिये आवश्यक हैं। प्रकृति ने इसे मुफ्त में मनुष्य को प्रदान की है। इस भौतिक संसाधनों में से कुछ के समाप्ति होने पर उसे पुन प्राप्त करना मुश्किल होता है। यही करण है कि पौधारोपण को प्राकृतिक संसाधनों जल वन मृदा को संरक्षित रखने का बेहतर उपाय बताया गया है।
गोड्डा : प्रकृति ने लोगों को जीवन जीने के लिये बहुत से संसाधन जैसे नदी, भूमि, जंगल, भू-जल, खनिज, जीव-जंतु इत्यादि प्रदान किये है जो मनुष्यों के जीवन के लिये आवश्यक हैं। प्रकृति ने इसे मुफ्त में मनुष्य को प्रदान की है। इस भौतिक संसाधनों में से कुछ के समाप्ति होने पर उसे पुन: प्राप्त करना मुश्किल होता है। यही करण है कि पौधारोपण को प्राकृतिक संसाधनों जल, वन, मृदा को संरक्षित रखने का बेहतर उपाय बताया गया है। पृथ्वी पर तीन चौथाई भाग में जल है, जो प्राकृतिक संसाधनों में एक महान अमूल्य और जीवन पालक संसाधन है। इसे संरक्षित रखना अब समय की मांग हो गई है। जागरण ने जल संरक्षण सरोकार के तहत अभियान चलाकर जल संचयन की दिशा में जिले के सभी स्कूलों में जल सेना का गठन किया है। अब जल सेना धरातल पर उतर कर इस मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हो चली है। जल ही जीवन को मानव समाज से जोड़ने के लिए सतही जल तथा भूमिगत जल दोनों का संरक्षण जरूरी है। जल संरक्षण जिन क्षेत्रों में बाधित हुआ या जल प्रदूषित हुआ वहां कालांतर में विनाश का तांडव दिखा है। भावी पीढ़ी को इस खतरे से आगाह करते हुए जागरण जल सेना ने जगह जगह अभियान शुरू किया है। शुक्रवार को गोड्डा जिला मुख्यालय स्थित केंद्रीय विद्यालय के विशाल परिसर में करीब 500 पौधारोपण किया गया। इसके लिए वन विभाग ने टीम ने अहम भूमिका निभाई। डीएफओ अरविद कुमार, गोड्डा रेंजर श्रीनिवास दुबे, पर्यावरणविद विमल कुमार विनोद, केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य एलडीएस यादव आदि ने सैकड़ों जल सैनिकों के साथ जागरण की मुहिम में भागीदारी निभाई। परिसर में अलग अलग प्रजाति के पौधे को एक कतार में लगाया गया। इसकी संख्या पांच सौ से अधिक थी। इसमें सागवान, आम, अमरूद, मोहबनी, गुलमोहर, आंवला, नीम, शीशम सहित दर्जनों किस्म के पौधे शामिल थे।
पौधारोपण अभियान में विद्यालय परिवार की ओर से शिक्षक अरविद कुमार सिन्हा, संजीव कुमार श्रीवास्तव, एएस हांसदा, अरविद मंडल, ओंकार नाथ तिवारी, सौभ्यदीप्त सेन, बीके मिश्रा, आरआर मिश्रा, स्वाति कुमारी, नीतू कुमारी, मधु नितेश, स्नेहा कुमारी, बंशीलाल आदि थे वहीं जल सेना की अनुकृति, मुस्कान सिन्हा, माहीप्रिया, प्रियांशी, आस्था प्रिया, अलका, निधि, नेहा, सुधांशु, सावन, आशीष कुमार, मयंक, मानव झा, अभिषेक कुमार, देवाशीष, आर्यन, सुमित कुमार, अर्पण राज मरांडी सहित सैकडों छात्र -छात्राएं शामिल थे। बच्चों ने काफी उत्साह के साथ पौधरोपण अभियान में भाग लिया।
---------------
फोटो - 06
दैनिक जागरण ने गोड्डा में जल सेना मुहिम के साथ जो अभियान छेड़ा है, इसके दूरगामी परिणाम मिलेंगे। नई पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में शिक्षित और जागरूक करना बहुत जरूरी है। भ-जल दोहन को कम करना होगा। भू-जल का उपयोग सिर्फ पेयजल के लिए हो। प्रदूषित तथा अवशिष्ट जलों का जमाव अधिक दिनों तक नहीं रहना चाहिए। मृदा पर रासायनिक कीटनाशकों तथा रासायनिक खाद का प्रयोग कम-से-कम हो। इससे जरूरी है कि बच्चों को भी इसकी समझ हो। यह लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाने से संभव है। आगामी 4 अक्टूबर को वाइल्ड लाइफ विक के तहत यहां वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।
- अरविद कुमार, डीएफओ, गोड्डा।
-------------------------------
फोटो - 07
वन संरक्षण पर्यावरणीय ²ष्टिकोण से सबसे ज्यादा लाभदायक होता है। इससे भूमि की हरीतिमा बनी रहती है। पौधे से वर्षा और वायु प्रदूषण का अवशोधन होता है। विद्यालय परिसर में पौधारोपण से यहां भी हरियाली आएगी। जितने पौधे लगाए जा रहे हैं, उन्हें एक एक छात्र-छात्रा के नाम किया जाएगा। वे ही इसकी देखरेख करेंगे। विद्यालय अवधि में उनका जुड़ाव भी उस पौधे से होगा। विद्यालय परिवार सभी पौधे को संरक्षित करने को प्रतिबद्ध है। जागरण ने सही मायने में अपने अभियान को धरातल पर उतारने का काम किया। - एलडीएस यादव, प्राचार्य, केंद्रीय विद्यालय गोड्डा।
-------------------------------
फोटो - 08
आम तौर पर सितंबर माह पौधारोपण के लिए अनुकूल नहीं होता है लेकिन बीते तीन दिनों से जिस तरह चक्रवातीय बारिश हो रही है कि अभी जमीन के अंदर अगले दो सप्ताह तक नमी बनी रहेगी। ऐसे में अभी जो पौधारोपण कराया जा रहा है, वह शत फीसद सफल रहेगा। वन विभाग की ओर से यहां सभी तरह के संसाधन मुहैया कराएं जाएंगे। नवनिर्मित विद्यालय परिसर का यह विशाल भूखंड परती रहे, यह ठीक नहीं है। दैनिक जागरण की प्रेरणा से वन विभाग ने यहां पौधारोपण कराकर विद्यालय परिवार को सौंप दिया है। - श्रीनिवास दुबे, रेंजर, वन क्षेत्र गोड्डा।
------------------------------------
फोटो - 09 विश्व में सबसे अधिक मूल्यवान प्राकृतिक संसाधन है। इसकी उत्पत्ति और संकेंद्रीयता पृथ्वी की सृष्टि के साथ- साथ हुई है। यह एक अनवीकरणीय संसाधन है। वैश्विक स्तर पर जल संरक्षण की दिशा में प्रयास हो रहे हैं। दैनिक जागरण ने जल संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय पहल की है। जल सेना का गठन से पूरा परि²श्य बदल सकता है। वर्तमान युग में उत्तर आधुनिकता की दौड़ में जीवन के अस्तित्व को बचाये रखने के लिये पर्यावरण व जल संरक्षण समय की मांग है।
- विमल कुमार विनोद, पर्यावरणविद , गोड्डा।